नागपुर में किसान आंदोलन (सौजन्य-एक्स)
Bachchu Kadu Protest in Nagpur: मंगलवार की रात किसानों के आंदोलन के चलते पूरा नागपुर शहर घिर गया। हजारों की संख्या में किसानों और प्रदर्शनकारियों की भीड़ देखकर प्रशासन सकते में आ गया। वर्धा रोड पर 30 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। मार्ग से शहर में आने वाले पानी, पेट्रोल टैंकर समेत खाद्य सामग्री के वाहनों को प्रवेश नहीं मिल पाया।
आम नागरिक 12 घंटे से ज्यादा समय तक सड़कों पर फंसे रहे। वर्धा रोड दोपहर से ही लगभग बंद हो गया था। देर रात तक ऐसा ही रहा। आंदोलनकारियों ने सड़क पर टेंट लगा दिए हैं। इस आंदोलन के चलते वर्धा मार्ग पर कई पेट्रोल पंपों पर कतारें लग गईं। शाम 7 बजे के बाद कुछ पेट्रोल पंपों ने पेट्रोल देने से भी इनकार कर दिया।
यदि मार्ग जल्द सुचारु नहीं हुआ तो सिटी में पेट्रोल संकट से इनकार नहीं किया जा सकता। मार्ग पर बड़ी संख्या में ढाबों पर लंबी कतार लग गई। कुछ देर के लिए ढाबे खुले भी रहे। हालांकि प्रदर्शन के चलते सुरक्षा कारणों से ढाबों की लाइटें भी बंद कर दी गईं। कुछ ढाबा संचालकों ने अपनी सेवाएं जारी रखीं।
कुछ फंसे हुए नागरिकों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर एक ट्रैक्टर अड़ा रखा था। लोगों के पास पीने का पानी भी खत्म हो गया था। लंबी दूरी तक पानी उपलब्ध नहीं था। नागपुर की ओर जाने वाले कई यात्रियों को पानी नहीं मिल रहा था। पानी के लिए इधर-उधर भटकते कई लोगों को देखा गया।
आंदोलन का असर मिहान और बूटीबोरी के कर्मचारियों पर भी पड़ा। काम खत्म करके घर जा रहे कई कर्मचारियों को जाम में फंसना पड़ा। दोपहर में अपनी कंपनियों और दफ्तरों में जाने वाले उद्योगपति, व्यापारी और कर्मचारी भी जाम में फंस गए। व्यापारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
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प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन के दौरान एयरपोर्ट पर भी प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारी एयरपोर्ट आ सकते हैं, इसलिए पुलिस ने एयरपोर्ट पर कड़ी नजर रखी है। चूंकि यह पता था कि प्रदर्शनकारी सड़क मार्ग से आएंगे, इसलिए कई लोग बस की बजाय ट्रेन से नागपुर पहुंचे। कई लोगों ने आंदोलन से बचने के लिए मेट्रो से यात्रा की। पुलिस मेट्रो स्टेशन पर भी कड़ी नजर रख रही है।
एक ओर जहां नागरिक जाम में फंसने के कारण जैसे-तैसे खुद को संभाल रहे थे वहीं दूसरी ओर जाम में फंसे कई परिवारों के साथ छोटे बच्चे भी थे। घंटों जाम में फंसे होने के कारण पीने का पानी खत्म हो गया था। वहीं भूख ने भी नागरिकों को खूब सताया। छोटे बच्चे भी भूख से तड़पते रहे लेकिन उन्हें भोजन नहीं मिला। इससे कई लोगों को तबीयत भी बिगड़ गई। वहीं वरिष्ठ और बुजुर्ग नागरिकों के लिए भी खाने और शौच की एक बड़ी समस्या रही।