किसानों का पीला सोना (सौजन्य-नवभारत)
Gadchiroli Paddy Harvest: राज्य के आखरी छोर पर बसे जिले में आवश्यकता नुसार सिंचाई की सुविधा नहीं होने के कारण इस जिले के किसान प्रकृति के भरोसे पर खेती करते हैं। जिसके कारण प्रति वर्ष अकाल अथवा ओलावृष्टि का सामना करना पड़ता है। इस वर्ष जिले में ओलावृष्टि की स्थिति निर्माण होकर जिले के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में अब वर्तमान स्थिति में संपूर्ण जिले में किसान वर्ग धान कटाई कार्य में व्यस्त हो गया है।
लौटती बारिश के चलते अधिकत्तर हिस्सों में धान फसलों का नुकसान हुआ है। ऐसे में बेमौसम बारिश का कोई भरोसा नहीं होने के कारण दिवाली समाप्त होते ही किसान वर्ग धान फसल कटाई में जुट गये हैं। प्रति वर्ष नवरात्रि पूर्व समाप्त होनेवाली इस बार नवरात्रि तक जारी रही। इसके बाद दिवाली पर्व शुरू होते ही किसानों ने धान फसल कटाई का कार्य रोक दिया था। अब दिवाली समाप्त होकर बारिश भी थमने से किसानों ने धान कटाई के कार्य दोबारा शुरू किये हैं।
एक तरफ किसान वर्ग द्वारा दिवाली पर्व खत्म होते ही धान कटाई को प्रांरभ कर दिया है। वहीं दूसरी ओर भाईदूज के लिये महिलाएं अपने मायके जाने के कारण वर्तमान स्थिति में धान कटाई के लिये मजदूर मिलना मुश्किल हो गया है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में मजदूरों की किल्लत महसूस होने की बात कही जा रही है। विशेषत: दिन-ब-दिन मजदूरी बढ़ने के कारण किसानों में चिंता का वातावरण निर्माण हो गया है।
यह भी पढ़ें – गड़चिरोली का बदलता चेहरा, ग्रामीणों ने सौंपी 26 भरमार बंदुकें और बैरल, पुलिस पर बढ़ा विश्वास
फिलहाल जिले में धान कटाई कार्य में तेजी आ गयी है। बारिश के प्रभावित क्षेत्र में बचे-पुचे धान कटाई करने में किसान जुट गये है। ऐसे में बढती मजदूरी और मजदूरों की कमी निर्माण होने से किसान परिवार के सभी सदस्य धान कटाई और कुटाई के कार्य में जुट गये है। रोजगार पाने के लिये शहरों में गये युवा दिवाली में अपने घर लौटकर खेती कार्य में व्यस्त हो गये है।