थर्मल पावर स्टेशन के फ्लाई ऐश के परिवहन में लापरवाही चलते जब्त किए गए वाहन (फोटो नवभारत)
चंद्रपुर: पिछले दिनाें चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन का मुद्दा सदन में गूंजा था। विधायक सुधाकर अडबाले ने विधान परिषद में तारांकित प्रश्न के माध्यम से आरोप लगाया कि प्रशासन से कई बार शिकायत करने के बावजूद ठोस उपाय न किए जाने से प्रदूषण का मुद्दा गंभीर हो गया है। अब थर्मल पावर स्टेशन को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की गई है।
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के स्पीड स्क्वायड ने थर्मल पावर स्टेशन का आकस्मिक दौरा कर परियोजना के पीछे साईवान क्षेत्र में सख्त निरीक्षण किया। साथ ही 13 टिपर वाहनों के खिलाफ कार्रवाई भी की।सीटीपीएस में कोयला जलने के बाद उसकी राख का इस्तेमाल सीमेंट निर्माण और सीमेंट ईटों के निर्माण में किया जा रहा है।
इसके चलते बड़े पैमाने पर राख का परिवहन होने से यह धूल दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। हाल ही में पडोली के पास हादसे में एसटी बस खड़े ट्रक से टकराने के कारण बस के वाहक की मौत हो गई। इस घटना का संज्ञान लेते हुए आरटीओ ने उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया।
कार्रवाई में शामिल छह वाहनों को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में जब्त कर लिया गया, जबकि शेष वाहनों के चालान काटे गए। यह कार्रवाई क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी किरण मोरे चंद्रपुर के मार्गदर्शन और मोटर वाहन निरीक्षक दीपक काले, विलास ठेंगाने, अनुराग सालणकर, निखिल गायकवाड़ और सूरज मुन के माध्यम से की गई।
केंद्रीय मोटर वाहन नियम 138 के अनुसार गैर-अनुरूप माल को तिरपाल से ढककर या बंद कंटेनर में परिवहन करना अनिवार्य है, जबकि उक्त वाहन में राख को केवल ग्रीन नेट से ढका गया था। बिना उचित रूप से ढके राख का परिवहन करने वाले वाहनों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है।
साथ ही, इस संबंध में सीटीपीएस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की गई और राख को बिना ढके परिवहन करने के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में बताया गया। यह भी निर्देश दिए गए कि राख को सार्वजनिक क्षेत्रों में ले जाए बिना सीटीपीएस स्तर पर परियोजना स्थल पर ही उसका निपटान किया जाए।
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आरटीओ विभाग ने स्पष्ट किया है कि चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन सीटीपीएस से उत्पन्न राख (एएसएच) सुरक्षित और नियमों के अनुरूप है, यह सुनिश्चित करने के लिए सीटीपीएस प्रवेश द्वार की निगरानी के लिए आरटीओ कार्यालय से एक विशेष टीम नियुक्त की जाएगी।