पोंभुर्णा नगर पंचायत (फोटो नवभारत)
Ponbhurna Nagar Panchayat Scam: चंद्रपुर जिले के पोंभुर्णा नगर पंचायत अंतर्गत जिला वार्षिक आदिवासी घटक कार्यक्रम के अंतर्गत महाराष्ट्र सुवर्ण जयंती नगरोत्थान महाभियान 2025-26 योजना के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु 83 लाख 51 हजार 850 रुपये की प्रस्तावित राशि आयी।
बजट पत्रक कीमत के कार्यों का विषय सभा में रखकर गैरकानूनी मार्ग का उपयोग कर सर्वसम्मति से प्रस्ताव मंजूर होने का झूठा प्रस्ताव लिखकर मुख्याधिकारी एवं नगराध्यक्ष ने टेंडर में घोटाला करने का गंभीर आरोप विपक्षी पार्षदों ने वनविभाग के वीआयपी विश्रामगृह में आयोजित पत्रपरिषद में किया है।
14 मई को पोंभुर्णा नगर पंचायत की साधारण सभा की सूचना और टिप्पणियों में यह विषय एजेंडे में नहीं था। बैठक में विषय पर चर्चा किए बिना विभिन्न विकास कार्यों के विषय पर गुप्त रूप से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया गया।
संकल्प पुस्तिका में इसे दर्ज करने और जिलाधिश और महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण विभाग की मंजूरी लेने के बाद, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक निविदा जारी की गई। अगली बैठक में 1 जुलाई, 2025 को आयोजित सामान्य बैठक के पूरे मिनटों को पढ़ना और पिछली बैठक के मिनटों की पुष्टि करना आवश्यक था।
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हालांकि, 1 जुलाई की बैठक के मिनटों में जिला वार्षिक आदिवासी घटक कार्यक्रम के तहत महाराष्ट्र स्वर्ण जयंती शहरी उत्थान योजना के तहत 83,51,850 रुपये के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के काम को नहीं पढ़ा गया था। इसलिए, उस विषय की पुष्टि कैसे हुई? यह सवाल भी विपक्षी दल के नगरसेवकों ने पत्रपरिषद में उठाया।
यह स्वच्छता का टेंडर रद्द किया जाए और नए से ई टेंडर लागू किए जाने की तथा इस मामले की जांच कर अवैध रूप से स्वच्छता ठेका प्रक्रिया लागू करने वाले मुख्य अधिकारी, नगराध्यक्ष, विषय सभापति और संबंधित पदाधिकारियों व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग विपक्ष पार्षदों ने की है।
नगर पंचायत पोंभुर्णा के नगराध्यक्ष सुलभा पिपरे ने कहा कि 14 मई को आयोजित साधारण सभा में शहर के विभिन्न विकास कार्यों में से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित कार्य का विषय चुना गया। कार्य के लिए प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद, नगर पंचायत ने नियमानुसार ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्य की प्रक्रिया लागू कर दी है। विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप निराधार और असत्य हैं।