मूल का काष्ठागार (फोटो नवभारत)
Shortage of Wood For Cremation: चंद्रपुर जिले में शवदाह के लिए आवश्यक जलाऊ लकड़ियां न मिलने से नाराजगी बढ़ रही है। लकड़ियों की अनुपलब्धता को लेकर मूल शहर और आसपास के क्षेत्र में गंभीर असंतोष का माहौल बनता जा रहा है। इस संकट को लेकर कांग्रेस के प्रदेश महासचिव संतोष सिंह रावत ने वन विभाग को तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यदि जल्द ही दाह संस्कार के लिए लकड़ियां उपलब्ध नहीं कराई गईं, तो कांग्रेस की ओर से वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा।
यह मुद्दा तब उजागर हुआ जब 19 अगस्त को मूल के वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. रामचंद्र दांडेकर, जिन्हें विशिष्ट नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, का निधन हो गया। उनके दाह संस्कार के लिए जब चिचपल्ली रेंज से लकड़ियों की मांग की गई, तो वन विभाग ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वहां लकड़ियां उपलब्ध नहीं हैं और परिजनों को सावली से लकड़ियां लाने के लिए कहा गया।
यह स्थिति तब और भी अधिक असहज हो गई जब मौके पर कांग्रेस नेता संतोष रावत स्वयं मृतक के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे। जब उन्हें जानकारी मिली कि शवदाह के लिए लकड़ियां नहीं मिल रही हैं, तो उन्होंने वन विभाग अधिकारी (DFO) येडे से सीधे मोबाइल पर संपर्क कर स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया।
चंद्रपुर जिले के मूल क्षेत्र में वन विभाग की दो रेंज चिचपल्ली और बफर जोन मूल होने के बावजूद, नागरिकों को समय पर लकड़ियां उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। यह एक नियमित समस्या बनती जा रही है, जिससे अंतिम संस्कार जैसे संवेदनशील समय में परिजनों को मानसिक और आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
संतोष रावत ने चेतावनी देते हुए कहा कि-“हर दिन मूल तहसील में मौतें हो रही हैं, और यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में भी वन विभाग लकड़ियां उपलब्ध कराने से इनकार करता है। यदि वन मंडल अधिकारी और क्षेत्र सहायक द्वारा तत्काल और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की गई, तो कांग्रेस कार्यकर्ता वन विभाग कार्यालय के सामने तीव्र आंदोलन करेंगे।”
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स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जहां एक ओर सरकार ‘सशक्त भारत’ की बात करती है, वहीं एक अंतिम संस्कार के लिए भी बुनियादी सुविधा नहीं मिल रही है। अंतिम संस्कार भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण संस्कार है, और उसमें आ रही इस तरह की अड़चनें न केवल असंवेदनशीलता दर्शाती हैं, बल्कि प्रशासन की उदासीनता भी उजागर करती हैं।
मूल क्षेत्र में शवदाह हेतु लकड़ियों की आपूर्ति की समस्या अब एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है। कांग्रेस नेता संतोष रावत की चेतावनी के बाद इस मामले ने राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है। यदि वन विभाग इस दिशा में त्वरित कदम नहीं उठाता, तो आगामी दिनों में आंदोलन की स्थिति बन सकती है, जिससे प्रशासन पर दबाव बढ़ना तय है।