दूर्वा घास (सौजन्य-नवभारत)
Amravati News: निसर्ग संपन्न नांदगांव खंडेश्वर तहसील में वर्षा ऋतु में अनेक प्रकार की दुर्लभ वनौषधियां, फल, बेल और सब्जियां स्वाभाविक रूप से उगती हैं। ये सभी स्वास्थ्य की दृष्टि से उपयोगी माने जाते हैं। इसी क्रम में चल रहे गणेशोत्सव में पूजन के लिए बहुउपयोगी दूर्वा की मांग बढ़ गई है। दूर्वा उत्तम औषधीय गुणों से युक्त है। इसका उपयोग धार्मिक कार्यों में और औषधि निर्माण में होने लगा है। घरेलू उपचार के तौर पर भी दूर्वा का अधिक प्रयोग किया जाता है।
गणेश स्थापना में दूर्वा अर्पित करने की परंपरा प्राचीन है। वास्तव में यह केवल धार्मिक कार्यों तक सीमित नहीं, बल्कि एक औषधीय पौधा भी है। धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयुक्त होने वाले पौधे औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। मगर समय के साथ इनके औषधीय उपयोग कम होकर केवल धार्मिक महत्व ही मान्य किया जाने लगा है।
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क्लोरोफिल – शरीर शुद्धि के लिए
फ्लेवोनॉइड्स – ऐंटिऑक्सिडेंट, त्वचा के लिए लाभकारी
टैनिन्स – घाव भरने में सहायक
ग्लायकोसाइड्स – हृदय क्रिया हेतु हितकारी
अमिनो ऐसिड – कोशिकाओं की मरम्मत हेतु
दूर्वा अपने उर्ध्वग रक्तपित्त निवारक गुण के लिए जानी जाती है। इसलिए कुछ आयुर्वेदिक औषधियां दूर्वा के आधार पर तैयार की जाती हैं। गणेशोत्सव में दूर्वा का धार्मिक और औषधीय दोनों दृष्टियों से बड़ा महत्व है।