ओंकारेश्वर एकात्म धाम के विकास पर सीएम मोहन यादव (सोर्स - सोशल मीडिया)
Indore: ओंकारेश्वर स्थित ‘एकात्म धाम’ का विकास महाकाल लोक परिसर की तर्ज पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सिंहस्थ 2028 तक इसे श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनाया जाए। आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा पहले से ही ओंकारेश्वर में स्थित है, और अब इसके आसपास भव्य आध्यात्मिक केंद्र के निर्माण की योजना बनाई जा रही है। नागर शैली में शिव पंचायतन मंदिर का निर्माण होगा, जो अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नए मार्ग, रोपवे और घाटों का निर्माण किया जाएगा, जिससे यह स्थल वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में उभरेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ओंकारेश्वर के समग्र विकास के लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक के बजट का प्रावधान करने के निर्देश दिए हैं। सिंहस्थ 2028 तक इसे एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र बनाने के लिए मंदिर परिसर, घाट, पुल और अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। उज्जैन की तरह यहां भी ‘एकात्म धाम’ को दिव्य स्वरूप देने की योजना है, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक यहां आकर्षित हों।
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ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के लिए बेहतर सुविधाओं पर जोर दिया जा रहा है। घाटों के निर्माण और नए पुल के निर्माण पर 163 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, ओंकारेश्वर तक पहुंच को आसान बनाने के लिए रोपवे और सड़क मार्गों के विकास की योजना बनाई गई है। सरकार चाहती है कि जैसे अयोध्या और काशी को धार्मिक पर्यटन के जरिए जोड़ा गया है, वैसे ही उज्जैन आने वाले श्रद्धालु ओंकारेश्वर समेत अन्य धार्मिक स्थलों तक भी आसानी से पहुंच सकें।
प्रदेश सरकार ओंकारेश्वर को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है। उज्जैन से लेकर ओंकारेश्वर, चित्रकूट, मैहर और ओरछा तक सीधी यात्रा की योजना बनाई जा रही है, जिससे श्रद्धालु आसानी से इन स्थलों के दर्शन कर सकें। इन योजनाओं के पूरा होने के बाद ओंकारेश्वर महाकाल लोक की तरह एक भव्य और आकर्षक तीर्थस्थल के रूप में स्थापित होगा।