एमपी में पेशाब कांड (फाइनल फोटो)
Dalit Youth Harassed In MP: पिछले 15 दिनों के भीतर मध्य प्रदेश में जातिगत उत्पीड़न के तीन गंभीर मामले सामने आए हैं। सबसे ताज़ा मामला भिंड से आया है जिसने एक बार फिर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ज़िला अस्पताल में भर्ती ज्ञान सिंह का कहना है कि उनके साथ दलित होने के कारण ये घटना हुई है और इसका असर उनके पूरे परिवार पर पड़ रहा है।
भिंड ज़िले के रहने वाले ज्ञान सिंह पेशे से ड्राइवर हैं। उन्होंने बताया कि 18 अक्टूबर को पास के गांव के सोनू बरुआ ने उनसे अपनी गाड़ी के लिए ड्राइवर के तौर पर काम करने के लिए कहा। उन्होंने मुझे गाड़ी के लिए ड्राइवर के तौर पर बुलाया था, लेकिन मुझे उनके साथ काम नहीं करना था। मेरा गांव इनके गांव से आधा किलोमीटर दूर है। मुझे ये पता था कि ये लोग आपराधिक प्रवृत्ति के लोग हैं। मुझे इनके लिए काम नहीं करना था। गाड़ी के लिए ड्राइवर की ड्यूटी करने से मना करने के बाद युवक को बंदूक की नोक पर उनके घर से अगवा करके मारपीट की गई।
जहां एक तरफ भिंड में ज्ञान सिंह और उनके परिवार के लिए परेशानियां बढ़ी हुई हैं, वहीं कटनी जिले में राजकुमार चौधरी का परिवार भी सदमे में हैं। कटनी में 10 दिन पहले दलित व्यक्ति के साथ मारपीट और पेशाब पिलाने की घटना सामने आई थी। यहां 36 साल के दलित किसान राजकुमार चौधरी ने भी अपने साथ मारपीट और पेशाब पिलाने का आरोप लगाया। उन्होंने 13 अक्टूबर की शाम अपने खेत के पास सरकारी जमीन पर हो रहे अवैध खनन का विरोध किया। इसके चलते खनन कर रहे राम बिहारी, गांव के सरपंच रामानुज पांडेय, उनके बेटे पवन पांडेय और कुछ अन्य लोगों ने उन्हें बुरी तरह पीटा।
राजकुमार का कहना है, ‘मुझे लातों से मारा गया और मारपीट के दौरान गांव के सरपंच रामानुज पांडे के बेटे पवन पांडेय ने मुंह पर पेशाब कर दिया। मुझे पिटने से बचाने पहुंचीं मेरी मां को भी बालों से घसीटा गया और जातिसूचक गालियां दी गईं।
दमोह ज़िले के सतरिया गांव से भी उत्पीड़न की एक घटना सामने आई। ओबीसी समाज के पुरुषोत्तम कुशवाहा को एक ब्राह्मण युवक अनुज पांडे के पैर धोकर वही पानी पीने के लिए मजबूर किया गया। पुरुषोत्तम के परिवार का कहना है कि यह घटना गांव में शराबबंदी को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद हुई। ग्रामीणों ने अनुज पांडे पर शराबबंदी के बीच शराब बेचने का आरोप लगाया था और इस पर कुशवाहा समाज और पांडे परिवार के बीच विवाद बढ़ गया।
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बाद में पुरुषोत्तम ने सोशल मीडिया पर अनुज पांडे की एक तस्वीर पर जूतों की माला पहनाकर पोस्ट की थी, जिसे कुछ देर बाद हटा भी दिया। इस पोस्ट के बाद गांव के ब्राह्मण समाज के कुछ लोगों ने पंचायत बुलाकर पुरुषोत्तम से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मंगवाई, अनुज पांडे के पैर धुलवाए और वहीं पानी पीने को कहा। इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला गया, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा।