घोड़े (फोटो-सोशल मीडिया)
जबलपुर: देश में एक बार फिर से कोरोना का डर बढ़ता जा रहा है। दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, केरल और कर्नाटक समेत कई राज्यों में कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के पनागर क्षेत्र के रैपुरा गांव में एक अजीब मामला सामने आया है। हैदराबाद से रेस कोर्स के लिए लाए गए घोड़ों में कोरोना जैसे लक्षण पाए गए हैं, जिससे गांव और आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है।
जानकारी के अनुसार, गांव में निजी रेस कोर्स के लिए 57 घोड़े लाए गए थे, जिनमें से आठ की अचानक मौत हो गई। जब पशुपालन विभाग के डॉक्टरों ने इनकी जांच की तो उन्हें ग्लैंडर्स नाम की बीमारी के लक्षण मिले। यह बीमारी इंसानों में भी फैल सकती है और इसका अभी तक कोई ठोस इलाज या वैक्सीन नहीं है। सावधानी बरतते हुए मृत घोड़ों को पोस्टमार्टम किए बिना 15 फीट गहराई में दफनाया गया।
इस बीमारी को लेकर केंद्र सरकार का सख्त प्रोटोकॉल है। इसी के तहत घोड़ों के सैंपल जांच के लिए हिसार स्थित नेशनल रिसर्च सेंटर भेजे गए। अब तक 44 घोड़ों की रिपोर्ट आ चुकी है, जो निगेटिव है। हालांकि इनमें से चार सैंपल दोबारा जांच के लिए भेजे गए हैं, क्योंकि उनमें बीमारी के लक्षण अभी भी दिखाई दे रहे हैं। बाकी पांच घोड़ों की रिपोर्ट आनी बाकी है।
इस मामले ने राज्य से लेकर केंद्र तक की पशुपालन एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। भोपाल से डॉक्टरों की एक टीम, जिसमें डॉ. जयंत तापसे, डॉ. सुनील तुमडिया और डॉ. शाहीकिरण शामिल थे। जबलपुर पहुंची और रैपुरा गांव में पहुंचकर घोड़ों के रहने की व्यवस्था और स्वास्थ्य की गहराई से जांच की। टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंप दी है।
गांव में इस बीमारी को लेकर चिंता बनी हुई है। प्रशासन ने 49 घोड़ों को पूरी तरह आइसोलेट कर दिया है, ताकि बीमारी का संक्रमण अन्य घोड़ों और इंसानों में न फैले। गांव के आसपास के क्षेत्र को सील कर दिया गया है और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। राजस्व विभाग ने घोड़ों को दफनाने के लिए जमीन चिह्नित की, जहां आम लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है।
ग्लैंडर्स एक खतरनाक बैक्टीरियल बीमारी है, जो बर्कहोल्डरिया मैलेई नामक बैक्टीरिया से होती है। यह मुख्य रूप से घोड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन इंसानों में भी फैल सकती है। इसके लक्षणों में नाक से रिसाव, बुखार, खांसी, सांस की तकलीफ और त्वचा के नीचे गांठें होना शामिल हैं। बीमारी दूषित पानी और भोजन के जरिए फैल सकती है, इसलिए सतर्कता बेहद जरूरी है।