Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • यूटिलिटी न्यूज़
  • फैक्ट चेक
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • होम
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

क्यों फोड़ी जाती है दही-हंडी, जानिए जन्माष्टमी पर इसके महोत्सव का इतिहास

  • By navabharat
Updated On: Aug 18, 2022 | 11:29 AM

File Photo

Follow Us
Close
Follow Us:

-सीमा कुमारी

भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव यानी जन्माष्टमी का महापर्व इस वर्ष 18-19 अगस्त को पूरे देशभर में मनाया जाएगा। कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो हिंदुओं द्वारा पूजे जाने वाले सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं।

जन्माष्टमी के अवसर पर दही-हांडी (Dahi Handi) उत्सव मनाने की एक विशेष परंपरा भी सदियो से चलती आ रही है। इस उत्सव में युवा टोलियां बनाकर ऊंचाई पर बंधी दही-हांडी फोड़ते हैं।    

ये परंपरा किसने शुरू की, इस बात का जानकारी तो नहीं मिलती, लेकिन किसी समय छोटे से स्तर से शुरू हुई ये परंपरा आज पूरे देश में बड़े स्तर पर निभाई जाती है। महाराष्ट्र में इसका उत्साह देखते ही बनता है। इस परंपरा के पीछे भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल की घटनाएं हैं। इस परंपरा के पीछे लाइफ मैनेजमेंट के कई सूत्र भी छिपे हैं। आइए जानें क्या है दही हांडी उत्सव और क्यों मनाया जाता है ये पर्व-

श्रीमद्भागवत के अनुसार, बाल्यकाल में भगवान श्रीकृष्ण अपने दोस्तों के साथ मिलकर लोगों के घरों से माखन चुराकर अपने मित्रों को खिला देते हैं और स्वयं भी खाते थे। जब यह बात गांव की महिलाओं को पता चली तो उन्होंने माखन की मटकी को ऊंचाई पर लटकाना शुरू कर दिया, जिससे श्रीकृष्ण का हाथ वहां तक न पहुंच सके। लेकिन नटखट कृष्ण की समझदारी के आगे उनकी यह योजना भी व्यर्थ साबित हुई। माखन चुराने के लिए श्रीकृष्ण अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक पिरामिड बनाते और ऊंचाई पर लटकाई मटकी से दही और माखन चुरा लेते थे। इसी से प्रेरित होकर दही-हांडी का चलन शुरू हुआ।

दही-हांडी पूरे भारत में सबसे मशहूर है। खासकर गुजरात, द्वारका, महाराष्ट्र के हर गली-मुहल्ले में दहीं हांडी की प्रतियोगिता रखी जाती है। यहां मटकी में दही के साथ घी, बादाम और सूखे मेवे भी डाले जाते हैं, जिसे युवाओं की टोली मिलकर तोड़ती है। वहीं लड़कियों की एक टोली गीत गाती हैं और उन्हें रोकने की कोशिश करती हैं।

ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, मक्खन एक तरह से धन का प्रतीक है। जब हमारे पास आवश्यकता से अधिक धन हो जाता है तो उसे हम संचित यानी इक्ट्ठा कर लेते हैं जबकि होने ये चाहिए धन अधिक होने पर पहले उसका कुछ भाग जरूरतमंदों को दान करें।

श्रीकृष्ण माखन चुराकर पहले अपने उन मित्रों को खिलाते थे जो निर्धन थे। श्रीकृष्ण कहते हैं कि यदि आपके पास कोई वस्तु आवश्यकता से अधिक है तो पहले उसका दान करो, बाद में उसका संचय करो। इस बात का ध्यान सभी को रखना चाहिए।

माखन और दही खाने से जुड़ा एक अन्य लाइफ मैनेजमेंट ये भी है कि बाल्यकाल में बच्चों को सही पोषण मिलना अति आवश्यक है। दूध, दही, माखन आदि चीजें खाने से बचपन से ही बच्चों का शरीर सुदृढ़ रहता है और वे आजीवन तंदुरुस्त बने रहते हैं।

Why dahi handi is broken know the history of dahi handi festival on janmashtami

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Aug 18, 2022 | 11:29 AM

Topics:  

सम्बंधित ख़बरें

1

आज का राशिफल 15 दिसंबर 2025: मेष सहित इन पांच राशि वालों को मिलेगा किस्मत का साथ

2

‘नारियल’ फूटते ही लग सकती है आचार संहिता, घोषणा को लेकर उत्सुकता, शाम का हो सकता है मुहूर्त

3

धर्मशाला में भारत का जोरदार धमाका, साउथ अफ्रीका से लिया हार का बदला, 7 विकेट से जीता मुकाबला

4

‘बिहार का बेटा अध्यक्ष बना’, नितिन नबीन की ताजपोशी पर गदगद मनोज तिवारी

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions Author
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.