Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Nepal Violence |
  • Asia Cup 2025 |
  • Tariff War |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

आज है सूफी संत कबीर दास जयंती, जानिए उनके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

कबीर जी के विषय में कहा जाता है कि ये निरक्षर थे। इनके द्रारा जितने भी दोहो की रचना की गई है वे केवल इनके मुख से बोले गए हैं।

  • By navabharat
Updated On: Jun 10, 2025 | 06:18 PM
Follow Us
Close
Follow Us:

-सीमा कुमारी

हर साल ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि को ‘संत कबीर दास’ जयंती (Kabirdas Jayanti) मनाई जाती है। इस साल यह जयंती 14 जून, मंगलवार को है। कबीर दास ने अपने दोहों, विचारों और जीवनवृत्त से मध्यकालीन भारत के सामाजिक और धार्मिक, आध्यात्मिक जीवन में क्रांति का सूत्रपात किया था। जब कबीर जी का जन्म हुआ था तब समाज में हर तरफ बुराइयां और पाखंड फैला हुआ था।

संत कबीर ने अपना पूरा जीवन काल समाज से पाखंड, अंधविश्वास को दूर करने में लगा दिया। संत कबीर के दोहे व्यक्ति को अंधकार से निकालकर सही राह दिखाते हैं। इनके दोहे अत्यंत सरल भाषा में थे। जिसके कारण उन दोहो को जनमानस आसानी से समझ सकते थे। आज भी लोग इनके दोहे गुनगुनाते हैं। तो आइए जानें संत कबीर दास जी की जयंती के पावन अवसर पर उनके जीवन से जुड़े अनमोल वचन।

ऐसा कहा जाता है कि संत कबीर का जन्म रामानंद गुरू के आशीर्वाद से एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से हुआ था। कहा जाता है कि लोक-लाज के भय से उसने इन्हें काशी के समक्ष लहरतारा नामक ताल के पास छोड़ दिया था। जिसके बाद उस राह से गुजर रहे लेई और लोइमा नामक जुलाहे ने इनका पालन-पोषण किया। तो वहीं कुछ विद्वानों का मत है कि कबीर जन्म से ही मुस्लिम थे और इन्हें गुरु रामानंद से राम नाम का ज्ञान प्राप्त हुआ था।

कबीर जी के विषय में कहा जाता है कि ये निरक्षर थे। इनके द्रारा जितने भी दोहो की रचना की गई है वे केवल इनके मुख से बोले गए हैं। इन्होंने अपनी अमृत वाणी से लोगों के मन में व्याप्त भ्रांतियों को दूर किया और धर्म के कट्टरपंथ पर तीखा प्रहार किया था। इन्होंने समाज को सुधारने के लिए कई दोहे कहे जिसके कारण ये समाज सुधारक कहलाए। संत कबीर के नाम से कबीर पंथ नामक समुदाय की स्थापना की गई। आज के समय में भी इस पंथ को लाखों अनुयायी हैं।

लोगों में फैले अधंविश्वास को दूर करने के लिए कबीर जी पूरे जीवन काशी में रहे लेकिन अंत समय मगहर चले गए और मगहर में ही कबीर दास जी की मृत्यु हुई। कबीर जी को मानने वाले लोग हर धर्म से थे, इसलिए जब इनकी मृत्यु हुई तो उनके अंतिन संस्कार को लेकर हिंदू और मुस्लिम दोनों विवाद होने लगा। तभी जब शव से चादर उठाई गई तो वहां पर केवल फूल थे। इन फूलों को लोगों ने आपस में बांट लिया और अपने अनुसार अंतिम संस्कार किया।

Today is sufi saint kabir das jayanti know important things related to his life

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jun 14, 2022 | 07:00 AM

Topics:  

  • Kabirdas Jayanti

सम्बंधित ख़बरें

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.