Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Ganesh Chaturthi |
  • Tariff War |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

बिहार के इस जगह सीता मैया ने की थी ‘छठ पूजा’, जानिए कैसे आरंभ हुआ छठ पर्व

  • By navabharat
Updated On: Oct 29, 2022 | 06:45 AM

File Photo

Follow Us
Close
Follow Us:

-सीमा कुमारी

सूर्योपासना का महापर्व ‘छठ’ हिन्दू धर्म में विशेष रखता हैं। इस बार यह पर्व शुक्रवार, 28 अक्टूबर से शुरु हो चुका है। ‘छठ’ बिहार का प्रमुख पर्व हैं। यह पर्व बिहार के साथ देश के अन्य राज्यों में भी बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

लोक आस्था के महापर्व ‘छठ’ का मुंगेर में विशेष महत्व है। इस पर्व को लेकर यहां चार लोककथाएं प्रचलित हैं। उनमें से एक कथा के अनुसार सीता माता ने यहां छठ व्रत कर इस पर्व की शुरुआत की थी।

आनंद रामायण के अनुसार, मुंगेर जिले के बबुआ घाट से दो किलोमीटर दूर गंगा के बीच स्थित पर्वत पर ऋषि मुद्गल के आश्रम में मां सीता ने छठ किया था। माता सीता ने जहां पर छठ किया था वह स्थान वर्तमान में सीता चारण मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। तब से अंग व मिथिला सहित पूरे देश मे छठ व्रत मनाया जाने लगा।

सीता चरण पर कई वर्षों से शोध कर रहे शहर के प्रसिद्ध प्रोफेसर सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि आनंद रामायण के पृष्ठ संख्या 33 से 36 तक सीता चरण और मुंगेर के बारे में उल्लेख किया गया है। आनंद रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम ने ब्राह्मण रावण का वध किया था, इसलिए राम को ब्रह्म हत्या का पाप लगा था। पापमुक्ति के लिए आयोध्या के कुलगुरु मुनि वशिष्ठ ने तत्कालीन मुद्गल (मुंगेर का तात्कालीन नाम) में मुद्गल ऋषि के पास भगवान राम व सीता माता को भेजा।

भगवान राम को ऋषि मुद्गल ने वर्तमान कष्टहरणी घाट में ब्रह्महत्या मुक्ति यज्ञ कराया और माता सीता को अपने आश्रम में ही रहने के आदेश दिए। चूंकि महिलाएं यज्ञ में भाग नहीं ले सकती थीं, इसलिए माता सीता ने ऋषि मुद्गल के आश्रम में रहकर ही उनके निर्देश पर सूर्योपासना का पांच दिन तक चलने वाला छठ व्रत किया था।

सूर्य उपासना के दौरान मां सीता ने अस्ताचलगामी सूर्य को पश्चिम दिशा की ओर तथा उदयाचलगामी सूर्य को पूरब दिशा की ओर अर्घ्य दिया था। आज भी मंदिर के गर्भगृह में पश्चिम और पूरब दिशा की ओर माता सीता के चरणों के निशान मौजूद  हैं। शिलापट्ट पर सूप, डाला और लोटा के निशान हैं।

मंदिर का गर्भगृह साल में छह  महीने तक गंगा के गर्भ में समाया रहता है तथा गंगा का जलस्तर घटने पर छह महीने ऊपर रहता है। मंदिर के राम बाबा ने कहा कि पहले शिलापट्ट पर बने निशान की लोग यहां आकर पूजा-पाठ करते थे। 1972 में सीता चरण में संतों का सम्मेलन हुआ था। उसी समय लोगों के आग्रह पर सीताचारण मंदिर बनाने का फैसला लिया गया था। यह मंदिर 1974 में बनकर तैयार हुआ था। मंदिर के प्रांगण में छठ करने से लोगों की मनोकामना पूर्ण होती है।

Sita maiya did chhath puja at this place of bihar know how chhath festival started

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Oct 29, 2022 | 06:45 AM

Topics:  

  • Mata Sita

सम्बंधित ख़बरें

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.