खरमास
-सीमा कुमारी
‘खरमास’ 14 दिसंबर 2021 दिन गुरुवार से शुरू हुआ था और ये 14 जनवरी 2022 दिन शुक्रवार को समाप्त होगा। चतुर्मास की तरह ‘खरमास’ में भी कोई मांगलिक यानी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं। ‘खरमास’ समाप्त होने के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। लेकिन, नए साल में ये सब फिर से शुरु होनेवाला है। क्योंकि, एक महीने का ‘खरमास’ जल्द ही खत्म होनेवाला है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ‘खरमास’ के दौरान सूर्य की चाल धीमी पड़ जाती है। इसलिए इस दौरान किया गया कोई भी कार्य शुभ फल प्रदान नहीं करता है। यही वजह है कि बड़े शुभ कार्य इन दिनों में स्थगित कर दिए जाते हैं।
धार्मिक मान्यता है कि, सूर्य अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं, और इस दौरान वो कभी रुकते नहीं हैं।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक ऐसे ही साल भर के भ्रमण में जब सूर्यदेव ने देखा तो उनके घोड़े थक गए हैं, तो वो उन्हें पानी पिलाने एक तालाब के किनारे ले गये। लेकिन सूर्यदेव का रथ तो रुक नहीं सकता था, क्योंकि, इससे दिन और रात का क्रम ही रुक जाता।
ऐसे में उन्होंने तालाब के पास मौजूद दो खर (गधे) को अपने रथ में लगा दिया और घोड़ों को वहीं छोड़कर परिक्रमा पर निकल गए। लेकिन, गधों की वजह से रथ की गति बहुत कम हो गई और सूर्यदेव बड़ी मुश्किल से एक महीने का चक्र पूरा कर पाए। इसके बाद उन्होंने वापस घोड़ों को अपने रथ में जोता और पुरानी गति से भ्रमण करने लगे। यही क्रम हर साल चलता रहता है। इसलिए इस एक महीने को ‘खरमास’ कहा जाता है।