मानव अधिकार दिवस 2024 (सौ.सोशल मीडिया)
World Human Rights Day 2024: दुनिया भर में आज का दिन मानव अधिकार दिवस के रूप में मनाया जा रहा है यह दिन दुनिया में नागरिकों को उनके अधिकारों की जानकारी देता है। आजादी के बाद इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गई तो वही इसकी जरूरत काफी है। आज इस दिवस के मौके पर जानिए दुनिया की प्रत्येक नागरिक को कौन-कौन से अधिकार प्राप्त हुए हैं।
आपको बताते चलें कि इस दिवस का इतिहास का पुराना है। आज के ही दिन साल 1948 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों को अपनाने की घोषणा की थी। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा 10 दिसंबर 1950 को की गई। इस दिवस को लेकर हर साल थीम बदलती रहती है जो दिवस की प्राथमिकता को दर्शाता है।
आपको बताते चलें कि, मानवाधिकार का महत्व भारत में काफी है। संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकार परिषद जिसे UNHRC का गठन किया। इसमें यूएन के 47 सदस्य देश शामिल हैं। भारत को 2021 में छठी बार UNSC के लिए चुना गया। भारत 2024 तक इसका सदस्य रहेगा। भारतीय संविधान में मानवाधिकारों को शामिल किया गया है। मूल अधिकारों में ही इसके लिए प्रावधान किए गए हैं।
भारत के नागरिकों को अलग-अलग अधिकार मिले हैं जो एक अलग स्थान रखते हैं।
पहला है ‘आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक अधिकार’ और दूसरा ‘नागरिक एवं राजनीतिक अधिकार’। सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार में मिलने वाले अधिकारे ये हैं:
सामाजिक सुरक्षा का अधिकार
समान काम के लिये समान वेतन का अधिकार
काम करने का अधिकार
आराम तथा फुर्सत का अधिकार
शिक्षा तथा समाज के सांस्कृतिक जीवन में भाग लेने का अधिकार
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दासता से मुक्ति का अधिकार
निर्दयी, अमानवीय व्यवहार अथवा सजा से मुक्ति का अधिकार
कानून के समक्ष समानता का अधिकार
प्रभावशाली न्यायिक उपचार का अधिकार
आवागमन तथा निवास स्थान चुनने की स्वतंत्रता
शादी करके घर बसाने का अधिकार
विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
उचित निष्पक्ष मुकदमें का अधिकार
मनमर्जी की गिरफ्तारी अथवा बंदीकरण से मुक्ति का अधिकार
न्यायालय द्वारा सार्वजनिक सुनवाई का अधिकार
अपराधी साबित होने से पहले बेगुनाह माने जाने का अधिकार
व्यक्ति की गोपनीयता, घर,परिवार तथा पत्र व्यवहार में अवांछनीय हस्तक्षेप पर प्रतिबंध
शांतिपूर्ण ढंग से किसी स्थान पर इकट्ठा होने का अधिकार
शरणागति प्राप्त करने का अधिकार
राष्ट्रीयता का अधिकार
अपने देश की सरकारी गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार
अपने देश की सार्वजनिक सेवाओं तक सामान पहुंच का अधिकार
आपको बताते चलें कि, भारत में नागरिकों को मिलने वाले मानवाधिकारों की निगरानी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) करता है। मानव अधिकारों के संरक्षण के मामले में यह देश की सर्वोच्च संस्था है। यह एक सांविधिक निकाय है, जिसका गठन 1991 के पेरिस सिद्धांतों के मुताबिक हुआ है।