
New Year एक नहीं, हमारे देश में मनाए जाते हैं कई बार, जानिए ( सौ.सोशल मीडिया)
New Year 2025: साल 2024 की विदाई का समय नजदीक आ गया है। महज चंद दिनों में नए साल का आगमन होने वाला है। एक बार फिर से लोग नए सपने और नए लक्ष्य को पूरा करने की उम्मीदों के साथ नए साल में प्रवेश करने वाले है। वैसे तो अंग्रेजी कैलेंडर या ईसाई धर्म के कैलेंडर के अनुसार, पूरी दुनिया एक जनवरी को नया साल मनाती है, लेकिन भारत एक ऐसा देश है जहां एक जनवरी के अलावा भी कई बार नया साल मनाया जाता है।
भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर अपनी संस्कृति और परंपराओं के आधार पर नया साल मनाया जाता है। भारत में कहीं सोलर कैलेंडर सिस्टम के आधार पर तो कहीं नए अनाज के कटने के मौके पर नए साल का जश्न मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि हमारे विविधताओं वाले भरे देश में कब-कब, कहां और कैसे नया साल मनाया जाता है।
हिंदू नववर्ष, नवसंवत्सर
बता दें, चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को ही असल हिंदू नववर्ष की शुरुआत हुई थी। इसके पीछे की मान्यता है कि देव युग में ब्रह्मा जी ने इसी दिन से सृष्टि की रचना शुरू की थी। इसीलिए इस दिन को नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। इस दिन से ही विक्रम संवत की भी शुरुआत हुई थी।
1 जनवरी से ईसाई नववर्ष
पूरी दुनिया समेत भारत में भी नए साल की शुरुआत एक जनवरी से ही मानी जाती है। पूरी दुनिया में इसका अलग ही जश्न देखने को मिलता है।
गुड़ी पड़वा, उगादि
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से ही मराठी नव वर्ष की शुरुआत होती है। गुड़ी पाड़वा और मराठी-पाडवा भी कहते हैं। इसके अलावा इसी दिन को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में ‘उगादि‘ के तौर पर मानते हैं। दक्षिण भारत के इन राज्यों उगादि को नए साल के रूप में मनाते हैं।
नवरेह- कश्मीरी नववर्ष
नवरेह नव चंद्रवर्ष के रूप में मनाया जाता है। ये पर्व चैत्र नवरात्र के पहले दिन मनाया जाता है। मुख्य रूप से ये त्योहार कश्मीर में मनाया जाता है। कश्मीरी पंडित बड़े उत्साह के साथ इस पर्व को मनाते हैं।
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आषाढ़ी बीज
आषाढ़ी बीज का त्योहार गुजरात के कच्छ क्षेत्र में कच्छी समुदाय द्वारा मनाया जाता है। इसी दिन कच्छी समुदाय के लोगों के नए साल की शुरुआत होती है।
हिजरी- इस्लामिक नववर्ष
इस्लामिक वर्ष की शुरुआत मुहर्रम के पहले दिन से शुरू होती है। इस्लामिक धार्मिक त्योहार को मनाने के लिए हिजरी कैलेंडर का ही इस्तेमाल किया जाता है।
नवरोज
पारसी समुदाय नवरोज को नए साल के रूप में मनाता है। नवरोज को पारसी न्यू ईयर भी कहा जाता है। पारसी धर्म के लोग इसे बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं।
बैसाखी
बैसाखी के त्योहार के दिन से सिख नव वर्ष की शुरुआत होती है। मुख्य रूप से हरियाणा, पंजाब और जम्मू इसका जश्न देखने को मिलता है। ये पर्व हर साल अप्रैल महीने में 13 या 14 तारीख को पड़ता है।
बिहू
असम में बिहू के पर्व के साथ ही नए साल की शुरुआत मानी जाती है और जमकर इस त्योहार का जश्न मनाया जाता है।






