पूजा पाठ में किसी प्रकार की गलती है नुकसानदायक (Social Media)
सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: सनातन धर्म (Hindu Religion) में पूजा पाठ का बड़ा महत्व है। सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होता है, इसलिए अधिकांश हिंदू घरों की दिन की शुरुआत नहाने के बाद पूजा के साथ (Puja Niyam) शुरू होती है। आपको बता दें, हिंदू धर्म में कई संप्रदाय व विचारधाराएं हैं, जिन्हें पालन करने वालों के आराध्य पद्धति बहुत अधिक अलग नहीं है। कोई सुबह जल्दी स्नान के बाद भगवान की भक्ति करता है, तो कोई अपने पूरे काम निपटाकर दोपहर के समय पूजा करता है।
जानें किन बातों से नाराज होत हैं भगवान
1- कई बार देखा गया है कि कुछ लोग हमेशा इस बात की शिकायत करते हैं कि वो पूजा तो कर रहे हैं लेकिन उन्हें पूजा का फल नहीं मिल रहा। वो समझ नहीं पाते कि ऐसा क्यों हो रहा है। ऐसा इसलिए होता है कि पूजा के दौरान वो जाने अनजाने में कुछ ऐसी गलती कर जाते हैं, जिससे भगवान नाराज हो जाते हैं और पूजा का फल भक्त लोगों को नहीं मिल पाता। ऐसे में ज्योतिष हमें पूजा से जुड़ें कुछ नियमों के बारे में बता रहे हैं, जिनका पालन करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। आइए जानें इस बारे में-
2- ज्योतिषियों के अनुसार, पूजा को सही समय पर ही करना चाहिए। ऐसा करने से पूजा सफल मानी जाती है। प्रतिदिन 5 बार पूजा करनी चाहिए। पहली पूजा ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:30 से 5:00 बजे तक, दूसरी पूजा सुबह 9 बजे तक, वहीं मध्याह्न पूजा दोपहर 12 बजे तक, संध्या पूजा शाम 4:30 से 6:00 बजे तक और शयन पूजा रात 9:00 बजे तक कर सकते हैं।
3-पूजा के दौरान आसन बिछाकर आराम से बैठकर पूजा करना चाहिए। आसन का विशेष महत्व होता है। वहीं, पूजा के दौरान जाप करने के लिए कभी भी दूसरे की माला का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अपनी माला हमेशा अलग रखना चाहिए।
4-पूजा के समय हमेशा अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। ऐसी मान्यता है कि पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखकर पूजा करने से घर में खुशियां बनी रहती है। बरकत होती है। इस दौरान अपने दाहिने ओर घंटी, धूप, दीप, अगरबत्ती व पूजा सामग्री को रखें। इस बात का ध्यान रखें कि, बिना सिर ढके पूजा नहीं करनी चाहिए।
5-शास्त्रों के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी दोपहर के समय पूजा नहीं करनी चाहिए। विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक पूजा न करें। इस समय पर पूजा करने से फल प्राप्त नहीं होता है।
6- ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सभी भक्तजन विधि अनुसार पूजा पाठ करते हैं। हालांकि, आपकी पूजा का पुण्य फल तभी प्राप्त होगा, जब आप सही समय और नियम से पूजा करेंगे।