Mana Rescue Update: 2 शव निकाले गए, अब तक 6 मौत की पुष्टि; 3 लापता मजदूरों के मिलने की उम्मीदें धूमिल
नवभारत डेस्क: उत्तराखंड के चमोली जिले के माना गांव में हुए हिमस्खलन में आज सुबह दो शव बरामद हुए, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। इस घटना ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के तीन लापता श्रमिकों को लेकर चिंता बढ़ा दी है, जो कई फीट बर्फ के नीचे फंसे हुए हैं। सेना ने इन मौतों की पुष्टि की है, जो घटनास्थल पर बचाव और तलाशी अभियान का नेतृत्व कर रही है। खोजी कुत्तों और हेलीकॉप्टरों की मदद से रविवार को तलाशी अभियान फिर से शुरू हुआ।
चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने कहा कि मौसम में सुधार होने के कारण तलाशी अभियान में तेजी आने की उम्मीद है और प्रयासों में सहायता के लिए दिल्ली से ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) प्रणाली किसी भी समय यहां पहुंचने की उम्मीद है।
जिलाधिकारी ने बताया कि इस समय राहत कार्य के लिए सेना की ओर से एक निजी हेलीकॉप्टर समेत सात हेलीकॉप्टर राहत एवं बचाव में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर के जरिए हादसे में घायल लोगों को माणा से वापस लाने का कार्य शुरू हो गया है। करीब 3200 मीटर की उंचाई पर स्थित माणा गांव के पास शुक्रवार को हिमस्खलन होने से वहां रह रहे सीमा सड़क संगठन के 54 मजूदर बर्फ में फंस गए थे। मजदूरों की संख्या पहले 55 बतायी जा रही थी लेकिन एक मजदूर के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित अपने घर सुरक्षित पहुंच जाने की सूचना मिलने के बाद इस संख्या को संशोधित कर 54 कर दिया गया ।
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इनमें से 50 को शनिवार तक बाहर निकाल लिया गया था जिनमें से चार की उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी । मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और उत्तर भारत के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डी.जी. मिश्रा भी बचाव अभियान की निगरानी करने के लिए हिमस्खलन स्थल पर पहुंच गए हैं ।