निशिकांत दुबे व सुप्रीम कोर्ट (कॉन्सेप्ट फोटो)
नई दिल्ली: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को सर्वोच्च अदालत को लेकर पहले एक्स पर एक विवादित पोस्ट किया जिसे लेकर कानूनी गलियारों से लेकर राजनैतिक हल्कों तक बवाल मच गया। इस बवाल के थमने की उम्मीद से पहले ही उनका एक और बयान सामने आ गया है, जिसने चिंगारी को शोले में तब्दील कर दिया है।
निशिकांत दुबे ने ताजे बयान में कहा कि इस देश में हो रहे सभी गृहयुद्धों के लिए मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना पूरी तरह जिम्मेदार हैं। निशिकांत दुबे ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर भी नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि अगर सभी कानून सुप्रीम कोर्ट को ही बनाने हैं तो संसद के दरवाजे बंद कर देने चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाओं से आगे जा रहा है और वह देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए भी जिम्मेदार है।
भाजपा सांसद ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों का हवाला देकर भी उस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”एक धारा 377 थी, जिसमें समलैंगिकता को बहुत बड़ा अपराध माना जाता था। अब ट्रंप प्रशासन ने कह दिया है कि इस दुनिया में दो ही लिंग हैं- पुरुष या महिला। ट्रांसजेंडर की तो कोई बात ही नहीं हुई।”
उन्होंने कहा कि सभी धर्म मानते हैं कि समलैंगिकता अपराध है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस धारा को खत्म कर देना चाहिए। हमने आईटी एक्ट बनाया, जिसमें बच्चे और महिलाएं सबसे ज्यादा दुखी थे, क्योंकि उनका पोर्न उपलब्ध है, यह उनके लिए था। एक दिन सुप्रीम कोर्ट खड़ा होता है और 66-ए आईटी एक्ट को खत्म कर देता है।”
#WATCH | Delhi: BJP MP Nishikant Dubey says “Chief Justice of India, Sanjiv Khanna is responsible for all the civil wars happening in this country” https://t.co/EqRdbjJqIE pic.twitter.com/LqEfuLWlSr
— ANI (@ANI) April 19, 2025
निशिकांत दुबे ने आगे कहा, ”मैंने अनुच्छेद-141 का बहुत अध्ययन किया है। इसमें कहा गया है कि हम जो कानून बनाते हैं, वह निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लागू होता है। अनुच्छेद-368 कहता है कि इस देश के संविधान के तहत संसद को सभी कानून बनाने का अधिकार है।”
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सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति, राज्यपाल को बता रहा है कि तीन महीने में क्या काम करना है। यह देश राम, कृष्ण, सीता, राधा, सनातन आदि की परंपरा है। जब राम मंदिर की बात होती है, तो यह देश की परंपरा है। आप कहते हैं कागज दिखाओ। ज्ञानवापी, मथुरा में कागज मांगते हैं, लेकिन मुगलों के बाद बनी मस्जिदों पर कहते हैं कागज कहां दिखाओगे?”
भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही जिम्मेदार है। कोर्ट का एक ही मकसद- Show me the face, we will show you the Law है। सर्वोच्च अदालत अपनी सीमा से बाहर जा रही है। कोर्ट की सीमा भारत के संविधान द्वारा बनाए गए कानून की व्याख्या करना है।