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Crime-Terror Nexus Operations : भारतीय जेलों के भीतर सक्रिय आतंकवादी और आपराधिक नेटवर्कों को ध्वस्त करने के लिए केंद्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने एक बड़ी और नई रणनीति तैयार की है। अधिकारियों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, इस रणनीति के तहत उन उच्च-जोखिम वाले कैदियों को एक राज्य की जेलों से निकालकर दूसरे राज्यों की जेलों में स्थानांतरित किया जाएगा, जो जेल के अंदर से ही आतंकी और आपराधिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकार ने जेलों में CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाने, मोबाइल नेटवर्क जैमर लगाने और खुफिया एजेंसियों के साथ डेटा साझा करने की प्रक्रिया को तेज करने का निर्णय लिया है। इससे जेलों की सुरक्षा व्यवस्था में तकनीकी दक्षता बढ़ेगी और निगरानी का दायरा व्यापक होगा।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की छानबीन में यह बात सामने आई है कि विभिन्न राज्यों की जेलों में बंद कैदी आपस में आपराधिक साजिशें रच रहे हैं। इस गंभीर खतरे को देखते हुए, जेलों की सुरक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण रणनीतिक और संरचनात्मक बदलावों की योजना बनाई जा रही है।
इस नई योजना का मुख्य उद्देश्य इन अपराधियों के मौजूदा नेटवर्क और संपर्क श्रंखला को पूरी तरह से तोड़ना है, ताकि वे जेल के अंदर से अपना प्रभाव न जमा सकें और न ही अन्य कैदियों को प्रभावित कर सकें। पुलिस और केंद्रीय एजेंसियाँ मिलकर उन उच्च-जोखिम वाले कैदियों की पहचान करेंगी, जिनका किसी क्षेत्र विशेष में कोई स्थानीय नेटवर्क या संपर्क नहीं है। इन अपराधियों को उन राज्यों या क्षेत्रों में भेजा जाएगा, जहाँ वे अपना प्रभाव या साजिशों को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे। इस पहल के तहत उत्तर भारत की कुछ जेलों, विशेष रूप से पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और दिल्ली की जेलों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, जहाँ गैंगस्टर-आतंकवादी-नशीले पदार्थों के तस्करों के गठजोड़ की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है।
NIA पहले ही आतंकी-गैंगस्टर-तस्कर गठजोड़ के खिलाफ बड़े पैमाने पर बहु-राज्यीय कार्रवाई कर चुकी है। इन छापों में कई खुंखार गैंगस्टर और सुनियोजित आतंकवादी पकड़े गए थे। अधिकारियों का मानना है कि ये गिरफ्तारियां जेलों के भीतर रची जा रही साजिशों के खुलासे में महत्वपूर्ण सुराग हैं।
कानून प्रवर्तन एजेंसियों का मानना है कि उच्च-जोखिम वाले कैदियों के अंतर-राज्यीय स्थानांतरण से साज़िशों को सक्रिय रूप से तोड़ने में मदद मिलेगी और जेल के भीतर चल रही गतिविधियों पर सख़्त नियंत्रण स्थापित होगा। यह कदम देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक प्रयास है।