साल में दोबारा आएगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा तिथि
अयोध्या: जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आज यानी 11 जनवरी से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यहां 13 जनवरी तक तीन दिवसीय सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। वहीं इस पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय समारोह राम जन्मभूमि परिसर के भीतर विभिन्न स्थानों पर आयोजित किये जाएंगे। आज से शुरु हो रहे इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में मालिनी अवस्थी, अनुराधा पौडवाल और कुमार विश्वास जैसे प्रसिद्ध कलाकार प्रस्तुति देंगे।
जानकारी दें कि, रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ तारीख से नहीं बल्कि तिथि से मनाई जा रही है। ये तिथि पौष महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी है। जो इस बार 11 जनवरी को पड़ रही है और फिर इसी साल ये तिथि 31 दिसंबर को भी आने वाली है।
गौरतलब हा कि, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ में हुए इस बड़े बदलाव हिंदू पंचांग के अनुसार त्योहारों की तारीखों के बदलने के चलते हुआ है। जहां प्राण प्रतिष्ठा पौष शुक्ल द्वादशी के दिन हुई थी, जो कि बीते साल 2024 को 22 जनवरी को पड़ रहा था। वहीं अब यह तिथि 2025 को 11 जनवरी को पड़ रही है, इसलिए आज प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ मनाई जा रही है। इसे प्रतिष्ठा द्वादशी भी कहा जाता है। जबकी अंग्रेजी महीनों के अनुसार यह वर्षगांठ 22 जनवरी को पड़ रही है।
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बात अंग्रेजी कैलेंडर की करें तो, जब इसके हिसाब से नया साल शुरू होता है तब हिंदी कैलेंडर का दसवां महीना यानी पौष मास आरंभ रहता है। वहीं हर अंग्रेजी महीने में दो हिंदी महीने भी आते हैं। इस तरह साल 2025 के आखिरी में 31 दिसंबर को एक बार फिर पौष महीना आ रहा है। तो क्या फिर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा इस तिथी को मनाई जाएगी, इस बाबत रामलला मंदिर अयोध्या के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि, साल में दो बार प्रतिष्ठा उत्सव मनेगा या नहीं, इस बारे में अभी कोई भी विचार नहीं किया गया है। जब अगली बार जब पौष शुक्ल द्वादशी आएगी तब विचार होगा।
वहीं अंग्रेजी और हिंदी कैलेंडर में ठीक तालमेल नहीं होने के चलते पौष महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी इस साल आज यानी 11 जनवरी और फिर 31 दिसंबर 2025 को भी रहेगी। लेकिन 2025 में दो बार पौष माह होने के कारण 2026 में ये तिथि फिर नहीं आएगी। यह सीधे 2027 में 19 जनवरी को ही फिर आएगी। बस अंग्रेजी और हिंदी कैलेंडर में ठीक तालमेल न होने के चलते ऐर तिथियों की घट-बढ़ के ही कारण ये तिथि साल में दो बार आ जाती है।
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यह हर 2-3 सालों में ऐसा होता ही है। हालांकि तिथि बदलने का कोई निश्चीत समय नहीं होता है। ये सुबह, शाम या फिर रात कभी भी आ सकती है। इसी वजह से तिथियां तेजी से घट-बन जाती हैं।
आज के समारोह की बात करें तो कार्यक्रम में पूरे दिन कई धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ राम कथा और राम लीला प्रदर्शन भी शामिल होंगे। कार्यक्रम के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को भगवान रामलला का अभिषेक करेंगे और कुबेर टीला पर भक्तों को संबोधित करेंगे। इसके अलावा आज 11 से 13 जनवरी तक अयोध्या के विभिन्न चौराहों पर विभिन्न राज्यों के संगीत समूह कीर्तन भी करेंगे।