विधायक पूजा पाल (डिजाइन फोटो)
Pooja Pal News: उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों पूजा पाल का नाम लगातार सुर्खियों में चल रहा है। सीएम योगी की तारीफ करने को लेकर समाजवादी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद चौतरफा इस बात की चर्चा है कि पूजा पाल का अगला कदम क्या होगा? इस सवाल के बीच प्रयागराज में एक होर्डिंग दिखी जिसने धुंधली तस्वीर थोड़ी सी साफ कर दी है।
अपने पति राजू पाल की हत्या के सालों बाद मिले ‘न्याय’ के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर यूपी की राजनीति में हलचल मचाने वाली विधायक पूजा पाल किस पार्टी का रुख करेंगी? यह सवाल इस समय उनसे जुड़े या यूपी की राजनीति में रुचि रखने वाले हर व्यक्ति के जेहन में कुलाचें भर रहा है।
पूजा पाल की हाल में सीएम योगी से हुई मुलाकात के बाद उनके बीजेपी में शामिल होने से लेकर मंत्री बनने तक के कयास लगने लगे। यह भी कहा जाने लगा कि बीजेपी 2027 में पूजा को अपना उम्मीदवार भी बना सकती है। जानकार उन्हें समाजवादी पार्टी के पीडीए नारे का जवाब और चुनाव से पहले बीजेपी के हाथ में एक हथियार बताने लगे।
इस बीच, प्रयागराज के धूमनगंज के सुलेम सराय इलाके में लगे एक होर्डिंग ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। क्योंकि दधिकांदो मेले के लिए लगाए गए इस नीले होर्डिंग को देखकर लोग उनके बीएसपी खेमे में जाने के कयास भी लगाने लगे हैं।
दरअसल, विधायक पूजा पाल पहले भी बीएसपी में रह चुकी हैं। 2007 से 2012 तक वह प्रयागराज पश्चिम सीट से बीएसपी विधायक रहीं। 2019 में, वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं और 2022 के विधानसभा चुनाव में कौशांबी की चायल सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं। हालांकि, राज्यसभा चुनाव में उनका सपा से अलग रुख देखने को मिला।
क्रॉस वोटिंग के बाद, सपा से उनके रिश्ते लगातार बिगड़ते गए। फिर हाल ही में जब पूजा पाल ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की, तो यूपी के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। हर कोई इसे अपने-अपने तरीके से व्याख्यायित करने लगा। समाजवादी पार्टी ने पूजा पाल पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया।
इसके बाद, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए पूजा पाल के बयान आने लगे। सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात के बाद, पूजा पाल ने अखिलेश यादव को एक पत्र लिखकर कई तीखे सवाल पूछे और उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर मेरी हत्या होती है, तो असली दोषी समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को माना जाए।
पूजा पाल को लेकर यूपी में मचे सियासी घमासान के बीच, उनके समर्थन में भाजपा नेताओं के बयान भी आने लगे। कुल मिलाकर, जानकारों को लगने लगा था कि पूजा पाल जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकती हैं, लेकिन इसी बीच प्रयागराज में एक नीले रंग का होर्डिंग लगा तो उनके बसपा में शामिल होने की अटकलें भी तेज हो गईं। वहीं यह होर्डिंग लोगों को अप्रत्याशित भी लग रही है।
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एक तरफ, यूपी की राजनीति में पूजा पाल को लेकर अटकलों का दौर जारी है, वहीं दूसरी तरफ, उन्होंने खुद अभी तक इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। सपा से निष्कासन के बाद उनका अगला कदम क्या होगा, इस पर उनके समर्थकों और विरोधियों, सभी की नजरें टिकी हैं।