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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा कड़ा रुख अपनाते हुए आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई शुरू की गई है। सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं, वहीं एनआईए इस मामले की गहन जांच में जुटी है। इस बीच, रक्षा और सुरक्षा से जुड़े शीर्ष अधिकारियों की बैठकों का भी दौर जारी है।
रविवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर एक अहम बैठक के लिए पहुंचे। खबरों के अनुसार, ये बैठक आतंकियों के खात्मे और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने की रणनीति पर केंद्रित है। दूसरी तरफ, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डायरेक्टर जनरल दलजीत सिंह चौधरी गृह मंत्रालय पहुंचे, जहां आतंकवाद के खिलाफ चल रही कार्रवाइयों तथा सीमा सुरक्षा पर चर्चा हुई।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के जंगलों और संवेदनशील इलाकों में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। कई संदिग्धों को हिरासत में भी लिया गया है, और आतंकियों की तलाश के लिए सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। एनआईए की एक विशेष टीम भी पहलगाम पहुंची है, जो हमले के पीछे की साजिश तथा आतंकी नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के कारण उनका मन बहुत दुखी है और हर भारतीय गुस्से से उबल रहा है। पीएम ने कहा यह घटना ऐसे समय में आतंकवादियों और उनके आकाओं की हताशा एवं कायरता को दर्शाती है जब कश्मीर में शांति लौट रही है, पर्यटन में रिकॉर्ड उछाल आ रहा है, लोकतंत्र मजबूत हो रहा है और युवाओं के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
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उन्होंने कहा, देश और कश्मीर के दुश्मनों को यह पसंद नहीं है तथा वे चाहते हैं कि घाटी फिर से तबाह हो जाए। आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में देश की एकता, 140 करोड़ भारतीयों की एकजुटता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।