दिल्ली के लाल किले पर कार में हुए धमाके की तस्वीर, (सोर्स- सोशल मीडिया
Delhi Blast Latest Update: लाल किले के पास हुआ कार ब्लास्ट पूरे देश को झकझोर देने वाला साबित हुआ है। इस धमाके के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का दूसरा चरण शुरू होने वाला है? सोमवार शाम हुए इस विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हैं। घटना के बाद मंगलवार सुबह गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर सुबह 11 बजे उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इसमें गृह सचिव, खुफिया ब्यूरो के निदेशक, दिल्ली पुलिस आयुक्त, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी (वीडियो लिंक से) और एनआईए समेत कई एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंप दी गई, जबकि दोपहर में गृहमंत्रालय में एक और बैठक हुई।
खबरों के अनुसार, केंद्र सरकार इस धमाके को आतंकी हमले के एंगल से जांच रही है। हालांकि, गृह मंत्री शाह ने कहा कि जब तक एजेंसियां किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचतीं, तब तक कुछ कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को मिले शुरुआती संकेत यह दर्शाते हैं कि यह एक ‘प्री-प्लांड अटैक’ था।
दरअसल, कुछ दिन पहले फरीदाबाद में इंटर-स्टेट टेरर मॉड्यूल से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए थे। अब उसी दिन शाम को दिल्ली में ब्लास्ट होना कई सवाल खड़े कर रहा है। माना जा रहा है कि आतंकियों ने किसी दबाव या जल्दबाजी में इस धमाके को अंजाम दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स में खुफिया सूत्रों का कहना है कि लश्कर-ए-तैयबा के नए मॉड्यूल की गतिविधियां हाल ही में काफी बढ़ी हैं। एक वीडियो में लश्कर कमांडर सैफ ने दावा किया था कि “हाफिज सईद खाली नहीं बैठा है, संगठन बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसपैठ की तैयारी कर रहा है।” एजेंसियों को यह भी इनपुट मिला है कि लश्कर ने बांग्लादेश में अपना लॉजिस्टिक नेटवर्क तैयार करना शुरू कर दिया है, ताकि असम, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में अपनी मौजूदगी बढ़ाई जा सके। इस पूरे ऑपरेशन में ISI की मदद की भी बात सामने आ रही है।
अगर जांच में लश्कर या जैश-ए-मोहम्मद का हाथ साबित होता है, तो भारत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि देश में किसी भी आतंकी हमले को अब ‘एक्ट ऑफ वॉर’ माना जाएगा। बताया जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश और लश्कर के कई कैंप पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में शिफ्ट किए गए थे, जो भारत की सीमा से लगभग 350 किलोमीटर दूर हैं। वायुसेना प्रमुख ने हाल में कहा था कि “कोई भी आतंकी कैंप हमारी पहुंच से बाहर नहीं है।”
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इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो मंगलवार को भूटान दौरे पर थे, उन्होंने भी इस हमले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “इस साजिश के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। हमारी एजेंसियां इस साजिश की जड़ तक पहुंचेंगी।” फिलहाल, एनआईए की टीमें दिल्ली, फरीदाबाद और हरियाणा के कई इलाकों में लगातार जांच कर रही हैं।