तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगन, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर में तुर्किए ने भारत को धोखा देते हुए पाकिस्तान का साथ दिया था। तुर्किए ने पाकिस्तान को भारत पर हमला करने के लिए हथियार दिए थे। इसे लेकर भारत के लोगों में तुर्किए के लिए भारी गुस्सा है। लेकिन इसी बीच नीति आयोग ने उसकी तारीफ में कसीदे पढ़े हैं। नीति आयोग का कहना है कि भारत को तुर्किए से सीखना चाहिए।
नीति आयोग ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें आयोग ने सुझाव दिया है कि भारत को देश में स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए तुर्किए से सीखना चाहिए और खासकर छोटे और मझोले उद्यमों को अपने विकास का रास्ता तुर्किए के रोडमैप के हिसाब से तय करना चाहिए।
नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तुर्किए दुनिया के उन देशों में से है जहां से भारत को सीख लेनी चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक भारत तुर्किए से सीख सकता है कि छोटे और मझोले उद्यमों में कौशल की कमी को कैसे दूर किया जा सकता है। आयोग ने रिपोर्ट में कनाडा, सिंगापुर, मलेशिया और तुर्किए में संचालित कार्यक्रमों को सूचीबद्ध किया है, जिससे मझोले उद्यमों को प्रोत्साहित किया जा सके।
नीति आयोग ने तुर्किए के कोसजेब संगठन उद्यमिता का उदाहरण देते हुए कहा कि तुर्किए का कोसजेब संगठन उद्यमिता पर डिस्टेंस ट्रेनिंग देता है। यह एक ऑनलाइन कार्यक्रम है जिसके जरिए समय और स्थान की बाधाओं के बिना एक प्रभावी और आसान उद्यमिता ट्रेनिंग देता है। इसके अलावा महिलाओं, युवाओं और दिव्यांग उद्यमियों के लिए तरजीही उपचार का भी प्रावधान करता है।
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नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम सब्सिडी दर पर और हाशिये पर मौजूद समूहों के लिए निःशुल्क मुहैया कराए जा सकते हैं। जैसा कि तुर्किए अपने यहां कोसजेब संगठन उद्यमिता के जरिए करता है। नीति आयोग की रिपोर्ट मझोले उद्यमों को वैश्विक बाजार में सफल होने के लिए तुर्किए से कौशल विकास की प्रथाओं को अपनाने की अनुशंसा करती है। आयोग ने भारत को सीखने की जरूरत है।