नरेंद्र मोदी (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गृहमंत्री अमित शाह पर भीम राव अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाकर इस्तीफे की मांग की है। इतना ही नहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी समेत विपक्ष के कई सांसदों ने संसद भवन के सामने नारेबाजी करते हुए गृहमंत्री शाह से मांफी की मांग की। वहीं अब इस सियासी घमासान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एंट्री हो गई है।
बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के उच्च सदन में अपना संबोधन दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से कहा कि “मान्यवर अभी एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता” जिसका वीडियो भी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वहीं अब पीएम मोदी ने एक बाद ताबड़तोड़ तीन पोस्ट सोशल मीडिया पर कर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। प्रधानमंत्री ने लिखा कि “संसद में गृह मंत्री @अमित शाह जी ने डॉ. अंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। वे उनके द्वारा प्रस्तुत तथ्यों से स्पष्ट रूप से आहत और स्तब्ध हैं, यही कारण है कि वे अब नाटकबाजी कर रहे हैं!
In Parliament, HM @AmitShah Ji exposed the Congress’ dark history of insulting Dr. Ambedkar and ignoring the SC/ST Communities. They are clearly stung and stunned by the facts he presented, which is why they are now indulging in theatrics! Sadly, for them, people know the truth! pic.twitter.com/l2csoc0Bvd — Narendra Modi (@narendramodi) December 18, 2024
इसके आगे उन्होंने लिखा कि “उनके लिए दुख की बात है कि जनता सच्चाई जानती है! अगर कांग्रेस और उसका सड़ा हुआ तंत्र सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई वर्षों के कुकर्मों, खासकर डॉ. अंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं, तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं! भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।
“डॉ. अंबेडकर के प्रति कांग्रेस के पापों की सूची में उन्हें एक बार नहीं बल्कि दो बार चुनाव हराना भी शामिल हैं। पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार करना। संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को गौरवपूर्ण स्थान न देना। कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, लेकिन वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासन में हुए हैं। वे सालों तक सत्ता में रहे, लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया।