संसद में चश्मा पहनकर मौजूद सांसद।
Lok Sabha News: लोकसभा सचिवालय ने बुधवार को सांसदों से संसद परिसर में स्मार्ट चश्मे, स्मार्ट पेन और स्मार्ट घड़ियों जैसे डिजिटल उपकरणों का उपयोग नहीं करने का आग्रह किया। वजह है कि इन चीजों के प्रयोग से सदस्यों की गोपनीयता से समझौता हो सकता है। संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन भी हो सकता है।
लोकसभा के एक बुलेटिन ने संसदों को याद दिलाया कि स्मार्ट चश्मे, पेन कैमरा और स्मार्ट घड़ियां जैसे एडवांस उपकरण देश में व्यापक रूप से उपलब्ध हैं। उन्हें आगाह किया गया कि इनमें से कुछ उपकरणों का उपयोग सदस्यों की गोपनीयता से समझौता करने और संसदीय विशेषाधिकारों का उल्लंघन करने के लिए किया जा सकता है।
बुलेटिन में कहा है कि सदस्यों से अनुरोध है कि वे किसी भी तरह से ऐसे उपकरणों का उपयोग करने से बचें जो संसद भवन के किसी भी हिस्से में सदस्यों की सुरक्षा, विशेषाधिकार और गोपनीयता से समझौता कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में क्षेत्रीय भाषाओं के बढ़ते प्रयोग के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक एवं भाषाई विविधता को उजागर किए जाने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और सभी सांसदों की सराहना की है। प्रधानमंत्री ने इसे देश की समृद्ध विरासत का प्रतीक बताते हुए अत्यंत सुखद बताया। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा, यह देखकर प्रसन्नता होती है। भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता हमारी शान है। संसद के पटल पर इसको उजागर करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी और सभी दलों के सांसदों को बधाई।
This is gladdening to see. India’s cultural and linguistic diversity is our pride. Compliments to Speaker Om Birla Ji and MPs across Party lines for highlighting this vibrancy on the floor of the Parliament. https://t.co/J3FvbziK5b@ombirlakota — Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2025
प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को निरंतर प्रोत्साहन मिला है। इस प्रेरणा के परिणामस्वरूप भारत की संसद संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी 22 भाषाओं में एक साथ अनुवाद करने में सक्षम हो सकी है। बिरला ने क्षेत्रीय भाषाओं के प्रोत्साहन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया और कहा कि इससे लोकतंत्र और अधिक समावेशी तथा सशक्त बना है।
धन्यवाद माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी,
आपके मार्गदर्शन में भारत की सांस्कृतिक एवं भाषाई विविधता को सदैव प्रोत्साहन मिला है। इसी प्रेरणा से आज भारत की संसद संविधान की आठवीं अनुसूची की सभी 22 भाषाओं में विधायी कार्यवाही का simultaneously अनुवाद करने में सक्षम हुई है।… https://t.co/CzZaN5942Z — Om Birla (@ombirlakota) December 23, 2025
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बता दें, संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर 2025 को शुरू हुआ था। जो 19 दिसंबर 2025 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस सत्र में 19 दिनों के दौरान 15 बैठकें हुईं।