लश्कर प्रमुख हाफिज सईद । इमेज-सोशल मीडिया।
Indian Intelligence Agencies: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे, शह और समर्थन पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद भारत में फिर बड़े हमले की साजिश रच रहे हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि लश्कर के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर गुलाम जम्मू-कश्मीर से आतंकियों का एक समूह बांग्लादेश भेजा गया है।
यह समूह विस्फोटकों का विशेषज्ञ है। अपने समकक्षों को प्रशिक्षण देने के लिए बांग्लादेश गया है। घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब खुफिया एजेंसियों को जैश और लश्कर द्वारा बंगाल और पूर्वोत्तर में अपने माड्यूल को फिर सक्रिय करने के प्रयासों के बारे में सूचना मिली है।
खुफिया ब्यूरो के एक अधिकारी के मुताबिक इन आतंकी संगठनों द्वारा बांग्लादेश में विस्फोटक विशेषज्ञों को भेजना किसी बड़ी घटना का संकेत है। एक अन्य अधिकारी के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। यहां से भारत में जल्द घुसपैठ और बम विस्फोट करने के प्रयास किए जा सकते हैं। भारतीय एजेंसियों के अनुसार, बांग्लादेश में आईएसआई समर्थित गतिविधियां काफी सक्रिय हैं। बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में यूं तो हमेशा बांग्लादेश स्थित आतंकी सगठनों का खतरा बना रहता है, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। बांग्लादेश में एक मित्रवत शासन के समर्थन की बदौलत पाकिस्तान किसी बड़े हमले की साजिश रच रहा। आतंकियों की हालिया गतिविधियों के साथ प्राप्त हो रही सूचनाओं से संकेत मिलता है कि आईएसआई भारत में बड़े हमले की साजिश रच रहा है। इस ऑपरेशन में जैश और लश्कर साथ काम कर रहे हैं।
भविष्य में संयुक्त ऑपरेशन करने का निर्णय आईएसआई के निर्देश के बाद लिया गया था। इसके बाद दोनों संगठनों के शीर्ष नेतृत्व ने पाकिस्तान में मुलाकात की और एक कॉमन संरचना के तहत आगे बढ़ने की रणनीति पर चर्चा की थी। भारत में सिलसिलेवार विस्फोट करने के इरादे से बांग्लादेश में ऑपरेटरों को प्रशिक्षित करने के लिए नौ सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।
जैश और लश्कर की कई टीमें स्थानीय आतंकी संगठनों से बातचीत करने के लिए कई बार बांग्लादेश जा चुकी हैं। हाल में हाफिज सईद का एक करीबी सहयोगी स्थानीय आतंकियों से मिलने और उन्हें प्रेरित करने के लिए बांग्लादेश में था। बांग्लादेश में अस्थायी रूप से कई मदरसों को बंद कर दिया गया है बांग्लादेश में कई मदरसों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इन मदरसों की स्थापना कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने और लोगों को कट्टरपंथी बनाने के विशिष्ट उद्देश्य से की गई थी। सभी मदरसे आईएसआई द्वारा संचालित हैं।
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खुफिया एजेंसियों ने बताया कि इस महीने किसी समय लश्कर प्रमुख हाफिज सईद ढाका का दौरा करने वाला है। अपने संगठन के आतंकियों के साथ अन्य आतंकियों से भी वह बातचीत करेगा। अधिकारियों का कहना है कि हमलों की साजिश अंतिम चरण में है। सईद के ढाका दौरे के समाप्त होने के बाद ये संगठन हमलों को अंजाम देने की कोशिश कर सकते हैं। पूर्वोत्तर राज्यों और बंगाल में स्लीपर नेटवर्क का सक्रिय होना इस बात का संकेत है कि किसी बड़े हमले की साजिश रची जा रही है।