सिद्धारमैया व डीके शिवकुमार (डिजाइन फोटो)
Karnataka News: कर्नाटक में सत्ता की कुर्सी को लेकर कांग्रेस के दो बड़े नेता मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार की खींचतान एक बार फिर सुर्खियों में है। ढाई साल का समझौता पूरा होने के बाद अब यह सवाल तेज हो गया है कि अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इसी बीच जब शिवकुमार दिल्ली गए, तो सिद्धारमैया का तीखा बयान सामने आ गया। यह सोचने वाली बात है कि क्या विवाद और बढ़ रहा है या पार्टी इसे अंदर ही अंदर सुलझा लेगी?
दरअसल, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार मंगलवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए। जाते समय उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उन्हें एक शादी में जाना है और 14 दिसंबर को रामलीला मैदान में होने वाले बड़े ‘वोट चोरी’ विरोध कार्यक्रम की तैयारी करनी है। उन्होंने कहा कि यह दौरा सिर्फ निजी और पार्टी कार्यों से जुड़ा है, इसमें कोई राजनीतिक मतलब न निकाला जाए।
इसके बाद जब यही सवाल मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से पूछा गया कि वे दिल्ली कब जा रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया उन्हें (शिवकुमार को) जाने दीजिए। मैं तभी वहां जाऊंगा जब मुझे औपचारिक निमंत्रण मिलेगा। अभी तक मुझे कोई बुलावा नहीं आया है। इस बयान ने यह संकेत दे दिया कि दोनों नेताओं के बीच सब कुछ सामान्य नहीं है।
इसी दौरान सिद्धारमैया मंगलुरु पहुंचे, जहां कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। दोनों ने साथ में लंच किया। एयरपोर्ट पर डीके शिवकुमार के समर्थकों ने जोर-जोर से ‘डीके-डीके’ के नारे भी लगाए। जब शिवकुमार से इस बारे में पूछा गया तो वे मुस्कुराते हुए बोले लोग दस साल से ‘डीके-डीके’ चिल्ला रहे हैं, इसमें नया क्या है? कोई ‘मोदी-मोदी’ कहता है, कोई ‘राहुल-राहुल’, और कोई ‘सिद्दू-सिद्दू’। यह जनता का प्यार है, इसे सकारात्मक रूप से लेना चाहिए।
वहीं सिद्धारमैया के वेणुगोपाल के साथ लंच करने पर भी शिवकुमार ने मजाकिया लहजे में कहा कि सीएम का वेणुगोपाल, राहुल गांधी या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलना बिल्कुल सामान्य बात है।
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बता दें, 2023 में कांग्रेस की जीत के बाद यह तय हुआ था कि पहले ढाई साल सिद्धारमैया मुख्यमंत्री रहेंगे और उसके बाद डी.के. शिवकुमार की बारी आएगी। अब ढाई साल पूरे हो चुके हैं। शिवकुमार के समर्थक लगातार दबाव बढ़ा रहे हैं, जबकि सिद्धारमैया भी कुर्सी छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रहे। कुछ दिन पहले दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के घर नाश्ता कर एकता का संदेश जरूर दिया था, लेकिन दिल्ली के दौरे और हालिया बयानों से साफ है कि अंदरूनी खींचतान पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि फिलहाल न कोई बैठक तय हुई है और न ही कोई बड़ा निर्णय सामने आया है।