कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना विधानसभा में (फोटो सोर्स -सोशल मीडिया)
बेंगलुरु: कर्नाटक की राजनीति इन दिनों हनी ट्रैप स्कैंडल से सुलग रही है। विधानसभा में मंत्री केएन राजन्ना के दावे ने सभी को चौंका दिया। उन्होंने कहा कि न केवल राज्य के, बल्कि केंद्रीय स्तर के कम से कम 48 नेता हनी ट्रैप में फंस चुके हैं। इतना ही नहीं, इन मामलों से जुड़ी सीडी और पेन ड्राइव भी तैयार हो चुकी हैं। मामला तब और गंभीर हो गया जब उनके बेटे राजेंद्र राजन्ना ने भी खुद और अपने पिता को हनी ट्रैप का शिकार बताया। उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें महीनों से फोन और वीडियो कॉल्स के जरिए निशाना बनाया जा रहा था।
कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने विधानसभा में बताया कि राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह की साजिशें रची जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक या दो नेताओं का मामला नहीं, बल्कि लगभग 48 नेता हनी ट्रैप में फंस चुके हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की गतिविधियां किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं हैं। मंत्री ने यह भी बताया कि इन मामलों से जुड़ी सीडी और पेन ड्राइव भी मौजूद हैं, जिनका दुरुपयोग किया जा सकता है।
राजन्ना के बेटे राजेंद्र राजन्ना ने खुलकर बताया कि उन्हें और उनके पिता को लंबे समय से इस जाल में फंसाने की कोशिश की जा रही थी। उन्होंने कहा कि शुरुआत फोन कॉल्स और वीडियो कॉल्स से हुई थी, जिसे उन्होंने पहले नजरअंदाज किया। लेकिन जब मामला विधानसभा में पहुंचा, तो उन्होंने सामने आकर बात करने का फैसला किया। राजेंद्र ने यह भी बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से इस मुद्दे पर बातचीत की है, लेकिन उन्हें अब भी यह समझ नहीं आया कि उन्हें क्यों निशाना बनाया गया।
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मंत्री और उनके बेटे के खुलासे के बाद यह मामला गंभीर होता जा रहा है। विधानसभा में बहस के दौरान उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। मंत्री सतीश जारकीहोली ने भी दो बार हनी ट्रैप के प्रयास होने की बात कही, हालांकि वह दोनों बार बच निकले। उन्होंने कहा कि राजनीति में इस तरह की चालें नहीं चली जानी चाहिए और पुलिस को इस मामले की तह तक पहुंचकर कार्रवाई करनी चाहिए। मामला सामने आते ही सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है और अब सभी की नजरें इस मामले की जांच पर टिकी हैं।