ज्ञानवापी सर्वे
वाराणसी: वाराणसी (Varanasi ) के ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी—सर्वे के (Gyanvapi Survey) लिये एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किये गये अजय मिश्रा (Ajay Mishra) को उनके एक सहयोगी द्वारा मीडिया में खबरें लीक करने के आरोप में मंगलवार को स्थानीय अदालत ने पद से हटा दिया। सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को लापरवाही के आरोप में पद से हटा दिया है।
हालांकि मुस्लिम पक्ष के वकील अभय यादव ने बताया कि अजय मिश्रा अदालत के तमाम निर्देशों के बावजूद मीडिया में सूचनाएं लीक कर रहे थे, इसलिये अदालत ने सख्त रुख दिखाते हुए मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर पद से हटा दिया। अदालत ने मिश्रा को सर्वे रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने से रोक दिया है और यह जिम्मेदारी विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह को सौंप दी है। अदालत ने सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिये दो और दिन का समय दिया है।
Uttar Pradesh | Court has granted two days time to submit the report. He (Advocate-Commissioner Ajay Kumar Mishra) was not cooperating: Assistant Court Commissioner Ajay Pratap Singh on Gyanvapi mosque report survey pic.twitter.com/u9WXJpAG4j
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 17, 2022
मुस्लिम पक्ष मिश्रा पर पहले से ही पक्षपात का आरोप लगाता रहा है। उसने सात मई को सर्वे के दूसरे ही दिन मिश्रा पर आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की अर्जी अदालत में दी थी। हालांकि अदालत ने इसे नामंजूर करते हुए मिश्रा के सहयोग के लिये एक विशेष और एक सहायक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की थी।
गौरतलब है कि अजय मिश्रा के ही नेतृत्व में ज्ञानवापी—श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कार्य सोमवार को पूरा किया गया था। सर्वे के अंतिम दिन हिन्दू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के वजूखाने में एक शिवलिंग मिला है। मगर मुस्लिम पक्ष ने यह कहते हुए इस दावे को गलत बताया था कि मुगल काल की तमाम मस्जिदों में वजूखाने के ताल में पानी भरने के लिये नीचे एक फौव्वारा लगाया जाता था और जिस पत्थर को शिवलिंग बताया जा रहा है, वह फौव्वारे का ही एक हिस्सा है।(एजेंसी)