अजहरुद्दीन को ED ने फिर भेजा समन
नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के विवादग्रस्त पूर्व कप्तान एवं कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में ED ने उन्हें आज फिर पेश होने के लिए नया समन जारी किया है।
जानकारी दें कि इससे् पहले बीते 3 अक्टुबर को इस मामले की जांच के सिलसिले में ED के समक्ष पेश नहीं हुए थे। तब 61 वर्षीय पूर्व सांसद को यहां फतेह मैदान रोड पर संघीय एजेंसी के कार्यालय में पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था। जिस पर पूर्व क्रिकेटर ने एजेंसी से और समय मांगा था। ऐसे में ऐजेंसी ने अजहरुद्दीन को आज यानी 8 अक्टूबर को पेश होने के लिए नया समन जारी किया गया था।
जानकारी दें कि यह जांच HCA में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी है। ED ने इस संबंध में पिछले बीते साल नवंबर में छापेमारी की थी। तब HCA के पूर्व पदाधिकारियों के परिसरों पर छापे मारे गए थे जिनमें HCA के पूर्व उपाध्यक्ष एवं क्रिकेटर शिवलाल यादव, कांग्रेस विधायक एवं एचसीए के पूर्व अध्यक्ष गद्दाम विनोद, एचसीए के पूर्व सचिव अरशद अयूब के परिसरों के अलावा ‘एसएस कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी के कार्यालय और इसके प्रबंध निदेशक (एमडी) सत्यनारायण का आवासीय परिसर शामिल थे।
ऐसी खबर है कि HCA अध्यक्ष के रूप में अजहरुद्दीन के कार्यकाल के दौरान उनकी भूमिका एजेंसी की जांच के दायरे में है।अजहरुद्दीन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्होंने पिछले साल तेलंगाना विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वे इसमें हार गए थे। वित्तीय अनियमितता का यह मामला तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा HCA के 20 करोड़ रुपये के कथित आपराधिक दुरुपयोग के संबंध में दर्ज की गईं तीन प्राथमिकी और आरोपपत्रों से संबंधित है।
इस बाबत ED ने अपने पहले बयान में कहा था कि, ‘‘आरोपपत्र में हैदराबाद के उप्पल में निर्मित राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के लिए डीजल जेनरेटर, अग्निशमन प्रणाली और छतरियों की खरीद में गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं।”
वहीं पुलिस के आरोपपत्र के अनुसार, समयसीमा के बावजूद कई कार्यों में अत्यधिक देरी हुई, जिससे लागत और बजट में बढ़ोतरी होने से एचसीए को नुकसान हुआ। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि ऐसा पाया गया कि HCA के पदाधिकारियों ने लोगों के साथ मिलीभगत करके, उचित निविदा प्रक्रियाओं का पालन किए बिना और कई मामलों में ‘कोटेशन’ प्राप्त होने से पहले ही पसंदीदा ठेकेदारों को बाजार दरों से अधिक कीमत पर विभिन्न निविदाएं और कार्य आवंटित किए।
पुलिस कि मानें तो न इन पदाधिकारियों में एचसीए के तत्कालीन सचिव, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा अन्य शामिल हैं। तब यह भी कहा गया था कि कई ठेकेदारों को अग्रिम भुगतान किया गया, जबकि उन्होंने कोई काम ही नहीं किया था। वहीं ED ने कहा था कि पिछले साल की गई छापेमारी में डिजिटल उपकरण, ‘‘अपराध साबित करने वाले” दस्तावेज और 10.39 लाख रुपये जब्त किए गए थे। जो रुपये जब्त किए गए उसके लेनदेन के बारे में कोई भी हिसाब नहीं था।
बताते चलें भारतीय क्रिकेट टीम के विवादग्रस्त पूर्व कप्तान एवं कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन ने साल 2009 में उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट से जीत के साथ अपनी राजनीतिक पारी आगाज किया था। वह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।