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नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्यों के फिर से चुनाव पर रोक लगा दी है। बता दें कि, जो 27 फरवरी, 2023 को होने वाला था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उपराज्यपाल, मेयर और एमसीडी को नोटिस भेजा है। वहीं, हाईकोर्ट ने मतपत्र, सीसीटीवी फुटेज और अन्य दस्तावेजों को सुरक्षित रखने का भी आदेश दिया है। इससे पहले, एमसीडी की स्थायी समिति के चुनाव के दौरान एक वोट को अवैध घोषित करने के मेयर शैली ओबेरॉय के फैसले के खिलाफ बीजेपी के नगरसेवक शिखा रॉय और कमलजीत सहरावत ने न्यायलय का रुख किया था। जिसे लेकर आज सुनवाई हुई।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि के महापौर के पास स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव को अमान्य घोषित करने का अधिकार नहीं है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव के नतीजों को सार्वजनिक किए बगैर फिर से चुनाव कराना नियमों के खिलाफ है।
Delhi High Court stays the re-election of the members of the Standing Committee of MCD, which was scheduled to be held on Feb 27, 2023. pic.twitter.com/32ehtVuZMo
— ANI (@ANI) February 25, 2023
उच्च न्यायालय के फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए याचिकाकर्ता शिखा राय ने कहा कि, फिर से चुनाव कराना नियमों के खिलाफ है, यही बात आज न्यायालय ने भी मान ली है। साथ ही उन्होंने कहा कि, हमारी मांगे पहले ही सही थी, लेकिन महापौर ने नहीं मानी थी।
इससे पहले बीते दिन दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में शुक्रवार को आप और बीजेपी के पार्षदों में खुनी संघर्ष हुआ था ,जिसके बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू की गई थी। लेकिन उस दौरान भी पार्षदों ने जमकर नारेबाजी की। जिसके चलते सदन को 27 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। सदन में नारेबाजी के बीच दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा था, “एमसीडी स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव 27 फरवरी को होगा।” सदन सोमवार, 27 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया।”
उल्लेखनीय है कि, एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव में वोटों की गिनती उस समय बाधित हो गई थी, जब बीजेपी ने एक मत को अमान्य किए जाने पर आपत्ति जताई थी। इस दौरान आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य टेबल पर चढ़ गए और एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। यही नहीं, दोनों पार्टियों के पार्षदों के बीच जमकर मारपीट हुई। यहां तक महिला पार्षद ने भी मौका नहीं छोड़ा उन्होंने ने भी आपस में एक दूसरे के बाल खींचे। यही नहीं पुरुष पार्षदों पर चप्पल से हमला भी किया किया था।