दिल्ली ब्लास्ट
Delhi Blast News: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार (10 नवंबर, 2025) को हुए कार बम धमाके को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एस. पी. वैद ने मंगलवार (11 नवंबर, 2025) को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, “मेरा मानना है कि यह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के मॉड्यूल के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की सोची-समझी साजिश थी। साल 2014 के बाद से वे भारत के अंदर कोई बड़ी घटना अंजाम देने में नाकाम रहे हैं, इसलिए अब वे कुछ बड़ा करने के लिए बेताब थे।”
न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में वैद ने कहा कि, “यह एक बड़ी साजिश थी, और इसके नाकाम होने के बावजूद धमाका बेहद शक्तिशाली था। मुझे लगता है कि जब इन सभी डॉक्टरों के मॉड्यूल को दबा दिया गया, तो डॉ. उमर ने खुद को आत्मघाती हमलावर के रूप में पेश करने का फैसला किया।” उन्होंने बताया कि डॉ. उमर पुलवामा का रहने वाला था और उसने लाल किले के बाहर इस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया। इस विस्फोट में 13 लोगों की मौत हुई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
#WATCH | Jammu, J&K: On blast near Red Fort in Delhi, former J&K DGP SP Vaid says, “…I think after the module of all these doctors (arrested/suspects in explosives seizure and blast case) was busted, Dr Umar became a suicide bomber. It is being said that he is a resident of… pic.twitter.com/8mIUJypN5a — ANI (@ANI) November 11, 2025
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह जैश (जैश-ए-मोहम्मद) के मॉड्यूल के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की साजिश थी। 2014 के बाद वे भारत के अंदर कुछ बड़ा हादसा कर नहीं पा रहे थे, इसलिए वे कुछ करने के लिए बेचैन थे. इस हमला कोई एक दिन की साजिश नहीं है, बल्कि मेरा मानना है कि इसे अंजाम देने के लिए कई महीनों तक साजिश रची गई है।’
पूर्व डीजीपी ने आगे कहा, ‘कश्मीर घाटी के युवा-युवतियों का डॉक्टर बनना सबसे बड़ा सपना होता है, लेकिन डॉक्टर बनने के बावजूद भी अगर कोई कट्टरवादी बनकर अपने ही देशवासियों को मारने और अपने ही देश को तोड़ने के लिए तैयार हो जाता है, तो सोचिए वहां किस तरह की कट्टरता फैलाई जा रही है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘देश को यह देखना होगा कि हम इस मोर्चे पर क्या कर रहा है। अगर पीएचडी, MBBS करने वाले डॉक्टर्स, इंजीनियरों को भी कट्टरवादी बनाया जा रहा है, तो यह एक बड़ी चुनौती है और हमें इस मोर्चे पर काम करने की जरूरत है।’