Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Parliament Session |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

Language War: हिंदी का वर्चस्व समाप्त होने तक लड़ेंगे…स्टालिन ने मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

Language War: स्टालिन ने दावा किया कि भारत के कई राज्यों ने भाषा नीति पर तमिलनाडु द्वारा निर्धारित मार्ग और उसके दृढ़ रुख को समझा है और उन्होंने अपनी चिंताएं व्यक्त करना शुरू कर दिया है।   

  • By अर्पित शुक्ला
Updated On: Feb 25, 2025 | 07:20 PM

CM स्टालिन (Image- Social Media)

Follow Us
Close
Follow Us:

चेन्नई: डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को केंद्र पर राज्य में हिंदी थोपकर ‘भाषा युद्ध के बीज बोने’ का आरोप लगाया और कहा कि हिंदी के वर्चस्व की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्टालिन ने कहा कि उनका राज्य किसी विशेष भाषा के खिलाफ नहीं है और किसी भी भाषा को सीखने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति के रास्ते में नहीं आएगा, लेकिन वह किसी भी अन्य भाषा को मातृभाषा तमिल पर हावी होने और उसे नष्ट करने की अनुमति नहीं देने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

स्टालिन ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित एक पत्र में कहा, ‘‘यही कारण है कि हम द्विभाषी नीति (तमिल और अंग्रेजी) का पालन कर रहे हैं।” उन्होंने दावा किया कि भारत के कई राज्यों ने भाषा नीति पर तमिलनाडु द्वारा निर्धारित मार्ग और उसके दृढ़ रुख को समझा है और उन्होंने अपनी चिंताएं व्यक्त करना शुरू कर दिया है।

हिंदी का वर्चस्व समाप्त नहीं होने तक लड़ेंगे

हिंदी का वर्चस्व समाप्त नहीं होने तक इसके खिलाफ संघर्ष जारी रखने का आश्वासन देते हुए स्टालिन ने कहा, ‘‘हम एक आंदोलन के वंशज हैं, जिसमें एक सिद्धांतवादी सेना थी जिसने तमिल की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया।’’ स्टालिन ने कहा कि 1965 से ही द्रमुक का अनेक बलिदान के माध्यम से हिंदी से मातृभाषा की रक्षा करने का इतिहास रहा है। 1971 में कोयंबटूर में द्रमुक की छात्र इकाई द्वारा आयोजित हिंदी विरोधी सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि वह बलिदान देने के लिए तैयार हैं।

स्टालिन ने कहा, ‘‘प्रभुत्व का विरोध करना और मातृभाषा की रक्षा करना द्रमुक के सदस्यों के खून में समाया हुआ है। यह भावना मेरे जीवन के अंत तक कम नहीं होगी।” बीते 21 और 22 फरवरी को कुड्डालोर की अपनी यात्रा को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि राज्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को स्वीकार नहीं करेगा, भले ही केंद्र तमिलनाडु को 10,000 करोड़ रुपये देने की पेशकश करे। इस पर कुड्डालोर की एक छोटी सी बच्ची नानमुखी ने कहा था, ‘‘क्या होगा अगर केंद्र सरकार धन उपलब्ध नहीं कराती है? तब मैं दे दूंगी।” मुख्यमंत्री ने कहा कि उस लड़की ने अपनी बचत में से 10,000 रुपये भेजे।

भाषा युद्ध के बीज बोने का आरोप

उन्होंने केंद्र सरकार पर भाषा युद्ध के बीज बोने का आरोप लगाते हुए कहा कि उस बच्ची की तरह तमिलनाडु में एक करोड़ युवा नानमुखी हैं जो अपनी मातृभाषा की रक्षा के लिए तैयार हैं। स्टालिन ने कहा, ‘‘हम इसके लिए तैयार हैं… हम किसी अन्य भाषा के वर्चस्व की अनुमति नहीं देंगे।” इस बीच, द्रमुक के सदस्यों ने एनईपी के माध्यम से हिंदी थोपे जाने का दावा करते हुए इसके खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखा। पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने उलुंदुरपेट रेलवे स्टेशन के नाम वाले बोर्ड पर हिंदी अक्षरों को मिटा दिया।

देश की अन्य ख़बरों के लिए यहां क्लिक करें!

वहीं द्रमुक के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि सीबीएसई और मैट्रिकुलेशन स्कूलों के छात्रों को प्रदान किया जाने वाला तीसरी भाषा सीखने का अवसर सरकारी स्कूल के छात्रों को क्यों नहीं दिया जा रहा है। अन्नामलाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘तीसरी भाषा सीखने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन अगर आप सीखना चाहते हैं, तो क्या स्टालिन यह कह रहे हैं कि आपको अपने बच्चों को द्रमुक द्वारा संचालित सीबीएसई या मैट्रिकुलेशन स्कूलों में दाखिला दिलाना चाहिए?” (एजेंसी इनपुट के साथ)

Chief minister mk stalin says tamil nadu ready for another language war over hindi imposition

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Feb 25, 2025 | 07:20 PM

Topics:  

  • DMK
  • Indian Languages
  • MK Stalin

सम्बंधित ख़बरें

1

दिल्ली में होगी दक्षिण की जंग, सीपी राधाकृष्णन के खिलाफ ‘INDIA’ की तिरुचि एन सिवा के नाम पर मुहर!

2

वो नेता जिसने राजिव गांधी को कहा था मेंढ़क, तीन फिल्में बनाकर जीत लिया था चुनाव

3

‘हिंदी-तमिल-कन्नड़ ठीक’, तरक्की का राज अंग्रेजी; नेता से पूछो उनका बेटा कहां…

4

करुणानिधि के बेटे एम.के. मुथु का निधन, CM स्टालिन बोले- मां-बाप जैसा प्यार दिया

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.