बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का एलान फिलहाल नहीं हुआ है लेकिन चुनावों की तारीख जल्द सामने आ जाएगी। इसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। बता दें कि बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं। इसमें से सबसे बड़ी विधानसभा सीट दीघा है जो अपने आप में खास स्थान रखती है।
बिहार विधानसभा में 1952 के समय में कुल 330 सीटें हुआ करती थीं। झारखंड का गठन होने के बाद बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें रह गई। इन्हीं सीटों में से एक सबसे बड़ी सीट दीघा विधानसभा क्षेत्र है जो 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया था।
दीघा विधानसभा सीट पर करीब 4.73 लाख से भी ज्यादा मतदाता हैं। इसमें 6 पंचायत और नगर निगम में 14 वार्ड शामिल हैं। शहरी इलाका होने की वजह से बिहार का यह क्षेत्र सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र माना जाता है। जिस पर सभी पार्टियों की नजरें रहती हैं।
दीघा में कायस्थ और यादव समुदाय के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। यहां हर धर्म और जाति के लोग रहते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में पटना एयरपोर्ट, सीएम आवास, राजभवन, बिहार विधानसभा और अन्य सरकारी दफ्तर आते हैं। बिहार का यह इलाका राजनीतिक रुप से काफी सक्रिय है।
साल 2010 से अब तक हुए दीघा विधानसभा सीट पर चुनावों में एनडीए का दबदबा रहा है। साल 2010 में यहां जदयू की पूनम देवी ने जीत हासिल की थी। हालांकि इसके बाद यह सीट बीजेपी के पास चली गई। पिछले दो विधानसभा चुनावों (2015 और 2020) की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी के संजीव चौरसिया ने चुनाव जीता। उन्होंने जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन को बड़े अंतर से हराया था।
दीघा विधानसभा सीट पर ज्यादातर यादव, कोइरी, राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण और कुर्मी वोटरों की संख्या ज्यादा है। यह शहरी इलाके की सीट है जिसमें पिछले दो चुनाव में बीजेपी का दबदबा रहा है। इस बार के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर दीघा सीट पर बीजेपी विरोधी महागठबंधन को मात देने की उम्मीद रखते हैं।