नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिलेस में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया। जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई। वहीं 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। अब इस मामले में गृहमंत्री अमित शाह ने एक्शन लेते हुए NIA (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ) को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। यह फैसला रविवार को अमित शाह द्वारा किए गए समीक्षा बैठक के बाद ली गई है।
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में नौ जून को तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस शिव खोड़ी मंदिर से कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जा रही थी। इसी दौरान पोनी इलाके के तेरयाथ गांव के पास आतंकियों ने हमला कर दिया और 53 सीट वाली बस गोलीबारी के बाद गहरी खाई में गिर गई। इस घटना में तीन महिलाओं सहित नौ लोगों की मौत हुई थी और 41 लोग घायल हुए थे। जिसके बाद आतंकवादियों ने 11 जून को भद्रवाह के चट्टरगल्ला में राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की संयुक्त चौकी पर गोलीबारी की। 12 जून को डोडा जिले के गंडोह इलाके में एक तलाशी दल पर हमला किया गया। जिसमें एक पुलिसकर्मी सहित सात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई
आपको बता दें कि अमित शाह द्वारा समीक्षा बैठक रियासी जिले में बस पर हुए आतंकी हमले और केंद्र शासित प्रदेश में कुछ अन्य आतंकी घटनाओं के मद्देनजर बुलाई गई थी। इस दौरान गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अपने निर्णायक चरण में है। हाल की घटनाओं से पता चलता है कि आतंकवाद हिंसा के अत्यधिक संगठित कृत्यों से सिमट कर महज छद्म युद्ध में तब्दील हो गया है। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को जम्मू संभाग में भी क्षेत्र वर्चस्व और शून्य-आतंक योजनाओं को लागू करने का निर्देश दिया।
बैठक में मौजूद रहे
शाह द्वारा आयोजित दोनों बैठकों में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, मनोनीत सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह, बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आर आर स्वैन और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)