प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल (फोटो- सोशल मीडिया)
Narendra Modi vs Arvind Kejriwal on Swadeshi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेड इन इंडिया’ और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील पर सियासी घमासान छिड़ गया है। पीएम मोदी ने जहां इसे देश की समृद्धि से जोड़ा, वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उन पर तीखा पलटवार किया है। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को पहले खुद विदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल छोड़ने की सलाह दे डाली। इस बयानबाजी ने स्वदेशी के मुद्दे को एक नई राजनीतिक बहस में बदल दिया है, जिसमें अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने संबोधन में देशवासियों से स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि जिस तरह स्वतंत्रता संग्राम को स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली थी, उसी तरह देश की समृद्धि का रास्ता भी ‘मेड इन इंडिया’ सामान खरीदने से ही खुलेगा। उन्होंने लोगों से भारत में बने उत्पादों को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। पीएम के इसी बयान के बाद विपक्ष, खासकर आम आदमी पार्टी, ने उन पर सवालों की बौछार कर दी और उनके ही दावों पर उन्हें घेरने की कोशिश की।
प्रधान मंत्री जी, आप चाहते हैं कि जनता स्वदेशी इस्तेमाल करे। आप ख़ुद स्वदेशी इस्तेमाल करना शुरू कीजिए? जिस विदेशी जहाज़ से रोज़ घूमते हैं, उसे छोड़ दीजिए? सारा दिन जितने विदेशी समान इस्तेमाल करते हैं, उन्हें छोड़ दीजिए। आप भारत में काम कर रही चार अमेरिकी कंपनियों को बंद कर… — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 22, 2025
अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर सीधे प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी, आप चाहते हैं कि जनता स्वदेशी इस्तेमाल करे। आप खुद स्वदेशी इस्तेमाल करना शुरू कीजिए। जिस विदेशी जहाज से रोज घूमते हैं, उसे छोड़ दीजिए। सारा दिन जितने विदेशी समान इस्तेमाल करते हैं, उन्हें छोड़ दीजिए।” केजरीवाल यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि भारत में काम कर रही चार अमेरिकी कंपनियों को बंद कीजिए। उन्होंने कहा कि लोग अपने प्रधानमंत्री से एक्शन की उम्मीद रखते हैं, सिर्फ प्रवचन की नहीं।
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आम आदमी पार्टी की नेता प्रियंका कक्कड़ ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने जीएसटी सुधारों के फायदे गिनाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी को जनता को बेवकूफ समझने की गलती नहीं करनी चाहिए। प्रियंका कक्कड़ ने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों का 14 लाख करोड़ का कर्ज माफ कर दिया और कॉर्पोरेट टैक्स में सालाना एक लाख करोड़ की छूट दी। वहीं दूसरी तरफ, आम जनता से दूध, दही और पूजा सामग्री जैसी चीजों पर भी टैक्स वसूला गया। उन्होंने कहा कि आज घरेलू बचत पिछले पांच दशकों में सबसे निचले स्तर पर है और विनिर्माण क्षेत्र चरमरा गया है।