(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
शिमला : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने बुधवार को राजभवन शिमला में शपथ ली। इस मौके पर राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ला ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस संबंध में नियुक्ति के लिए अधिसूचना 21 सितंबर को जारी हुई थी। न्यायमूर्ति शकधर को 11 अप्रैल, 2008 को दिल्ली हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
17 अक्टूबर, 2011 को वे दिल्ली हाई कोर्ट स्थायी न्यायाधीश बने। अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस शकधर ने वैवाहिक बलात्कार के अपराधीकरण सहित विभिन्न मुद्दों पर कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति राजीव शकधर का कार्यकाल बेहद छोटा होगा क्योंकि वह 18 अक्टूबर को ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
न्यायमूर्ति शकधर ने मई 2022 में वैवाहिक बलात्कार के अपराधीकरण के पक्ष में फैसला सुनाया जबकि पीठ के दूसरे न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर ने इसके विपरीत फैसला सुनाया और अपवाद को खारिज करने से इनकार कर दिया था। अपने फैसले में न्यायमूर्ति शकधर ने कहा कि वैवाहिक बलात्कार के मामले में पति को यह छूट ‘‘पितृसत्ता और स्त्रीद्वेष की विचारधारा से आई है” और विवाह में बिना सहमति के यौन संबंध आधुनिक समय में विवाह की अवधारणा यानी बराबरी के रिश्ते के बिल्कुल विपरीत है। न्यायमूर्ति शकधर ने अन्य कई मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण व्यवस्था दी।
न्यायमूर्ति राजीव शकधर का जन्म 19 अक्टूबर, 1962 को हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलंबियाज स्कूल से प्राप्त की। साल 1984 में इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य से स्नातक किया और 1987 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से एल.एल.बी. की डिग्री हसिल की। 19 नवंबर, 1987 को राजीव शकधर एक अधिवक्ता के तौर पर नामित हुए। उन्होंने 1987 में ‘इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’ से चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई भी पूरी की। इसके साथ ही उन्होंने 1994 में लंदन विश्वविद्यालय से इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड लीगल स्टडीज में ‘एडवांस्ड कोर्स ऑफ लॉ’ की पढ़ाई भी की।
(एजेंसी इनपुट के साथ)