बच्चे को नहीं दें गाय का दूध (सोशल मीडिया )
छोटे शिशुओं के लिए प्राथमिक तौर पर मां का दूध पिलाना ज्यादा जरूरी होता है आपका बच्चा जब तक 6 महीने का नहीं हो जाता है मां का दूध पिलाना सही होता है। इसके बाद बच्चा एक साल का हो जाता है तो मां के दूध की जगह स्वास्थ्य विशेषज्ञ गाय का दूध पिलाने की सलाह देते है। लेकिन कभी स्थिति ऐसी होती है कि, नई मांओं को दूध नहीं आने की वजह से वे बच्चे को सही तरीके से स्तनपान नहीं करा पाती है इसके लिए वे बच्चे को गाय का दूध देती है। लेकिन इस तरह से दूध पिलाना सेहत पर खराब असर डालता है।
छोटे शिशुओं को गाय का दूध क्यों नहीं देना चाहिए क्या कारण है इसे लेकर डायटीशियन मोनिका जी से बात उन्होंने इसके प्रभाव को लेकर जानकारी दी है। इसका असर बच्चे पर इस तरह से पड़ता है।
1- बच्चे में हो सकती है खून की कमी
गाय के दूध का सेवन करने से बच्चे को भरपूर पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं मिल पाती है क्योंकि गाय के दूध में आयरन, विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व कम होते है जो शिशु के लिए जरूरी होते है। इसलिए बच्चे को गाय का दूध पिलाते है तो इसमें एनीमिया का खतरा सताने लगता है। इसके लिए आयरन की कमी को दूध करने के लिए मां का दूध ही बच्चे को दें।
2- नहीं होती इम्यूनिटी बूस्ट
जैसा कि, गाय के दूध पोषक तत्व की कमी होती है विटामिन सी बच्चों के लिए सबसे अधिक जरूरी है. अगर आप बच्चे को गाय का दूध पिलाते हैं तो इससे उसकी इम्यूनिटी बूस्ट नहीं होगी. साथ ही बच्चे की ग्रोथ और डेवलपमेंट भी धीमी होती है। इसके लिए इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए आप गाय का दूध देने से बचें।
3- किडनी पर असर डालता है
अगर आप एक साल से छोटे बच्चे को गाय का दूध पिलाते है तो यह उसकी किडनी पर असर डालता है। गाय के दूध में कॉम्पलेक्स प्रोटीन होता है जो नवजात शिशु की किडनी पर बुरी तरह से प्रभाव डालता है, जो नुकसान पहुंचाने का काम करता है।
बच्चे को कब से गाय का दूध दिया जा सकता है इस पर सवाल के जवाब में समझे तो, बच्चे के एक साल होने के बाद उसे गाय का दूध पिलाया जा सकता है। इस दौरान उसे फुल फैट मिल्क दिया जा सकता है। हालांकि दिन में 400 मिली के ज्यादा दूध देने की बच्चे को जरूरत नहीं होती। इन बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है।