अर्यन बांगड़ बने अनाया करवाया एचआरटी
भारतीय क्रिकेट के पूर्व ऑलराउंडर संजय बांगड़ की बेटी अनाया ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो में उन्होंने अपने लड़के से लड़की बनने की हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी के बारे में बताया है, साथ में अनाया ने इस थैरेपी के दौरान हुई दिक्कतों के बारे में भी बताया है। तो आइए जानते हैं क्या है HRT और क्या हैं इसे कराने की मुश्किलें-
क्या है हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी
यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें मानव शरीर में बदलाव किए जाते हैं। इस प्रक्रिया को जेंडर-अफर्मिंग हार्मोन थेरेपी भी कहा जाता है। यह एक मेडिकल ट्रीटमेंट है जो पुरुष को महिला और महिला को पुरुष बनाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग ज्यादातर ट्रांजेंडर लोगों द्वारा किया जाता है, वे अपनी शारीरिक बनावट को अपनी आइडेंटिटी के साथ अरेंज करने के लिए इस थेरेपी को करवाते हैं।
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इस थेरेपी को भारत में मान्यता 2014 में दी गई है। इस प्रक्रिया के लिए 4 डॉक्टरों, मनोरोग विशेषज्ञ, सर्जन, गाइनेकोलॉजिस्ट और एक न्यूरो सर्जन की टीम रहती है। विशेषज्ञ ने बताया है कि इस थेरेपी के लिए व्यक्ति की उम्र 21 साल से ज्यादा होनी चाहिए। जिसकी उम्र इससे कम होगी, उनके लिए उनके माता-पिता की अनुमति अनिवार्य होगी।
हार्मोन चेंजेस की स्टेज
इसकी पहली स्टेज में आपको पहले विज्ञापन देना होता है। फिर इस विभाग से जुड़े अधिकारियों को आवेदन देना पड़ता है। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर के तीन मनोचिकित्सक और जेंडर चेंज करने वाले 4 डॉक्टरों की रिपोर्ट भी लगानी पड़ती है। एक मनोवैज्ञानिक और हार्मोन विशेषज्ञ की सलाह भी जरूरी होती है। इससे जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी भी लगानी पड़ती है।
सारी अनुमति के बाद थेरेपी की प्रक्रिया शुरू की जाती है। जिसमें पुरुष के शरीर में महिलाओं के हार्मोन डाले जाते हैं और महिलाओं के शरीर में पुरुषों के हार्मोन डाले जाते हैं।
थेरेपी के बाद सर्जरी कर शरीर में हार्मोन्स को बदला जाता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद उसकी रिकवरी डॉक्टरों की निगरानी में की जाती है। ताकि आगे जाकर कोई दिक्कत न हो और शरीर को रिकवर होने का पूरा समय मिले।
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सर्जरी के दौरान आने वाली मुश्किलें
सर्जरी के बाद या उसके दौरान ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है, जिससे कमजोरी भी आ जाती है।
इस प्रक्रिया में हार्मोन असंतुलित भी हो सकते हैं, जिससे आगे जाकर और भी दिक्कत आ सकती है।
इसके फायदे भी हैं-
जिससे इंसान को अपना जेंडर मन-मुताबिक बदलने का मौका मिलता है। इससे आपकी आत्म-सम्मान बढ़ता है। यह इंसान की मानसिक स्थिति को भी बेहतर करता है।