दर्शन को दी गई जमानत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
Darshan Gets Bail: रेणुकास्वामी हत्या मामले में कन्नड़ अभिनेता दर्शन थुगुदीपा और अन्य छह आरोपियों को कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत पर आज सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह न्यायिक विवेकाधिकार का अनुचित और गैरजिम्मेदाराना प्रयोग है। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने कहा कि जिस तरह से हाईकोर्ट ने आरोपियों को जमानत दी, वह पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी कर्नाटक सरकार द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई के दौरान दी, जिसमें दर्शन को दी गई जमानत रद्द करने की मांग की गई थी। पीठ ने स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालय ने ऐसा लगता है जैसे सातों आरोपियों को बरी कर दिया हो। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने पूछा कि क्या हर केस में हाईकोर्ट एक ही तरीके से आदेश देता है? साथ ही उन्होंने दो मुख्य गवाहों, किरण और पुनीत, के बयानों को अविश्वसनीय ठहराने के उच्च न्यायालय के व्यूपॉइंट पर भी सवाल खड़े किए।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील सिद्धार्थ लूथरा और बचाव पक्ष के अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे की दलीलें सुनीं और अंतिम फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने बचाव पक्ष को एक सप्ताह के भीतर लिखित नोट दाखिल करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि अभिनेता दर्शन को 11 जून, 2024 को अपने फैन रेणुकास्वामी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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रेणुकास्वामी पर आरोप था कि उसने पवित्रा गौड़ा को अश्लील मैसेज भेजे थे, जिसके बाद उसकी बेरहमी से हत्या की गई। यह वारदात 8 जून, 2024 को हुई थी। 17 जुलाई को भी सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की जमानत पर असहमति जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि हमें उच्च न्यायालय द्वारा विवेकाधिकार के प्रयोग के तरीके से संतोष नहीं है। अब सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर टिकी हैं कि क्या दर्शन और अन्य आरोपियों की जमानत बरकरार रहेगी या रद्द कर दी जाएगी। दर्शन थुगुदीपा एक भारतीय अभिनेता, निर्माता और वितरक हैं, जो मुख्य रूप से कन्नड़ फिल्मों में काम करते हैं। दर्शन ने 2006 में प्रोडक्शन हाउस थुगुदीपा प्रोडक्शंस की स्थापना की।