करण जौहर का ऑडियो पॉडकास्ट पर बयान
Karan Johar Statement: मशहूर फिल्म निर्माता करण जौहर ने हाल ही में ऑडियो पॉडकास्ट के अनुभव को लेकर अपने दिल की बात शेयर की। उन्होंने कहा कि कैमरे के बिना सिर्फ एक माइक्रोफोन और दो इंसानों की बातचीत में जो आत्मीयता होती है, वो किसी और माध्यम में नहीं मिलती। करण जौहर ने हाल ही में अपना नया ऑडियो शो ‘लिव योर बेस्ट लाइफ विद करण जौहर’ शुरू किया है, जिसमें वे अपने मेहमानों से बेबाक और निजी अंदाज में बातचीत करते हैं।
करण जौहर ने बताया कि पॉडकास्ट का यह फॉर्मेट एक ऐसा माहौल तैयार करता है, जिसमें मेहमान पूरी ईमानदारी और खुलापन के साथ अपनी बात रखते हैं। एक इंटरव्यू में करण ने कहा कि जब कैमरा नहीं होता, तब कोई भी व्यक्ति खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है। उसे डर या जजमेंट का कोई डर नहीं रहता। पॉडकास्ट में हम दिल और दिमाग की असली बात करते हैं, न कि दिखावे की।
करण मानते हैं कि पॉडकास्ट एक बहुत ही इमोशनल और निजी अनुभव बन जाता है। एक माइक्रोफोन, होस्ट और गेस्ट बस इतना ही काफी होता है एक सच्ची बातचीत के लिए। कैमरा न होने से बातचीत का दबाव खत्म हो जाता है और लोग ज्यादा कनेक्टेड महसूस करते हैं। उनके लिए यह शो सिर्फ बातचीत नहीं, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा बन चुका है। उन्होंने देखा है कि लोग किस तरह कैमरे के बिना अपनी असली पहचान को व्यक्त करते हैं।
करण ने यह भी जोड़ा कि हमारा काम है एक ऐसा स्पेस तैयार करना, जहां कोई भी व्यक्ति खुद को खुलकर, बिना डर के, पूरी सहजता से अभिव्यक्त कर सके। यह पॉडकास्ट ऐसा ही एक मंच है। करण जौहर के इस नए प्रयोग को श्रोताओं से काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। यह शो न केवल बातचीत को नया रूप देता है, बल्कि लोगों के दिलों को छूने की ताकत भी रखता है।
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करण जौहर का करियर फिल्म निर्देशक, निर्माता, अभिनेता, और टेलीविजन होस्ट के रूप में काफी सफल रहा है। उन्होंने 1998 में फिल्म कुछ कुछ होता है से निर्देशन में डेब्यू किया, जो एक बड़ी व्यावसायिक सफलता थी और इसके लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले। इसके बाद, उन्होंने कभी खुशी कभी गम, कभी अलविदा ना कहना, और माई नेम इज खान जैसी सफल फिल्में बनाईं।