दीपिका पादुकोण को मिला काजोल का साथ
मुंबई: अभिनेत्री काजोल ने हाल ही में बॉलीवुड में काम के घंटे को लेकर चल रही बहस पर अपनी स्पष्ट राय दी है। ये बहस उस समय शुरू हुई जब दीपिका पादुकोण के बारे में खबरें आईं कि उन्होंने निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘स्पिरिट’ को इसलिए छोड़ा क्योंकि वे 8 घंटे से अधिक की शिफ्ट में काम नहीं करना चाहती थीं।
काजोल ने इस मामले पर पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने हमेशा काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाकर रखा और कभी भी लंबी शिफ्ट्स में काम करने को अपनी प्राथमिकता नहीं बनाया। काजोल ने कहा कि मैं शुरू से ही स्पष्ट थी कि मैं कितने घंटे काम करूंगी। मैंने कभी एक समय पर चार फिल्में नहीं कीं, न ही 20-30 घंटे की शिफ्ट की। मैं एक फिल्म खत्म करती थी, फिर दूसरी शुरू करती थी।
काजोल ने आगे बताया कि 1990 के दशक में इंडस्ट्री इतनी सहानुभूतिपूर्ण नहीं मानी जाती थी, लेकिन उनके अनुभव सकारात्मक रहे। उन्होंने कहा कि जब उनकी बेटी न्यासा का जन्म हुआ था, तब भी उन्होंने निर्माता-निर्देशकों से साफ कहा था कि वह सीमित समय तक ही काम करेंगी और ज्यादातर लोगों ने इसका सम्मान किया।
दीपिका पादुकोण के विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए काजोल ने कहा की मैंने भी वहीं बात कही थी जब न्यासा हुई थी। लेकिन मुझे कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। लोग समझदार थे और समर्थन देने वाले थे। काजोल ने दो फिल्मों के उदाहरण दिए जब उन्हें निजी कारणों से जल्दी सेट छोड़ना पड़ा और पूरी टीम ने सहयोग किया कि ‘यू मी और हम’ इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उनके पिता अस्पताल में भर्ती थे और न्यासा केवल दो साल की थी। पति अजय देवगन ने सुनिश्चित किया कि काजोल घर और अस्पताल दोनों मैनेज कर सकें।
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काजोल ने आगे बताया कि ‘फना’ शूटिंग के दौरान भी काजोल के समय को पूरी तरह सम्मान मिला। उन्होंने कहा कि किसी कॉन्ट्रैक्ट की जरूरत नहीं पड़ी, बस इंसानियत की जरूरत थी। अब काजोल जल्द ही निर्देशक विशाल फुरिया की हॉरर-थ्रिलर फिल्म ‘मां’ में नजर आएंगी। उन्होंने कहा कि इस फिल्म की शूटिंग मेरे लिए बहुत खास अनुभव रही है। कहानी भी दमदार है और किरदार भी चुनौतीपूर्ण।