तलाश के शानदार 12 साल पूरे
मुंबई: बॉलीवुड एक्टर आमिर खान की फिल्म तलाश: द आंसर लाइज़ विदइन की शनिवार यानी आज 12वीं सालगिरह है। साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म तलाश ने अपनी दमदार कहानी और चौंकाने वाले ट्विस्ट से दर्शकों को खूब प्रभावित किया था। यह फिल्म आमिर खान (एक्टर के रूप में) और रीमा कागती (डायरेक्टर के रूप में) के शानदार करियर में एक खास जगह रखती है। यह फिल्म उनकी कंटेंट-ड्रिवन सिनेमा की सोच का बेहतरीन उदाहरण है।
साल 2012 में आई तलाश सिर्फ एक मिस्ट्री फिल्म नहीं थी। इसने दुख, अपराध और अलौकिकता जैसे गहरे विषयों को दिखाया और इंसान की भावनाओं को समझने की कोशिश की है। रीमा कागती के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में आमिर खान, रानी मुखर्जी और करीना कपूर खान थे। इस फिल्म ने दोनों, यानी एक तरफ आम दर्शकों को और दूसरी तरफ कला की गहराई को सही तरीके से जोड़ा है।
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यह कहानी असलियत और कल्पना को मिलाकर दर्शकों को गहरी सोच में डाल देती है, और जिंदगी और मौत के पार की सच्चाई को सवालों के रूप में पेश करती है। आमिर खान प्रोडक्शन्स हमेशा क्वालिटी और क्रिएटिविटी के लिए जाना जाता है, और तलाश भी इससे अलग नहीं थी। आमिर खान ने 1999 में इस प्रोडक्शन हाउस की शुरुआत की थी और यह हमेशा अनोखे और सोचने पर मजबूर करने वाले प्रोजेक्ट्स का समर्थन करता रहा है।
तलाश के साथ, आमिर ने फिल्म को सिर्फ फंड ही नहीं किया, बल्कि इसे सफल बनाने के लिए कास्टिंग से लेकर आखिरी एडिट तक हर कदम में खुद शामिल हुए हैं। आमिर की अगुवाई में, फिल्म की सफलता ने यह साबित कर दिया कि दर्शक ऐसे कंटेंट को पसंद करने लगे हैं जो पारंपरिक बॉलीवुड फार्मूलों से हटकर हो। अपने डार्क और नॉन-कमर्शियल टोन के बावजूद, तलाश बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और अपनी कहानी और परफोर्मेसेस के लिए सराही गई।
तलाश के 12 साल पूरे होने पर, यह आमिर खान की उस सोच को दोहराती है जो वे फिल्मों के माध्यम से स्थापित करना चाहते हैं वह सोच जो भारतीय सिनेमा को नया रूप देने और पारंपरिक कहानियों से बाहर निकलने की है। फिल्म का प्रभाव यह बताता है कि आमिर की फिल्मों ने हमेशा सीमाएं तोड़ी हैं, जिससे इंडस्ट्री में साहसी और नई तरह की कहानियां सामने आई हैं।