जमानत जब्त (सौजन्य-नवभारत)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुंबई में 345 उम्मीदवारों को इतने कम वोट मिले कि वे अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। मुंबई में कुल 420 उम्मीदवारों में से केवल 75 उम्मीदवारों को पर्याप्त वोट मिले हैं। यह देखा गया है कि मतदाताओं ने महायुति और महाविकास अघाड़ी के प्रमुख मुकाबले में निर्दलीय और छोटे दलों के उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर दिया।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुंबई शहर और उपनगरों में 36 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 420 उम्मीदवार खड़े हुए थे। हालांकि, बड़ी संख्या में उम्मीदवार मैदान में उतारे गए थे, लेकिन इस बार असली लड़ाई शिवसेना (शिंदे), राकां (अजित पवार) और भाजपा के महायुति और कांग्रेस, शिवसेना (ठाकरे) और राकां (शरद पवार) महाविकास अघाड़ी के बीच थी। फिर भी कई निर्वाचन क्षेत्रों में निर्दलीय, पार्टियों के बागी नेता, छोटे दलों के उम्मीदवार खड़े हुए थे।
चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक अगर किसी उम्मीदवार को कुल वैध वोटों का छठा हिस्सा यानी 16.33 फीसदी वोट या उससे कम वोट मिलते हैं तो उसकी जमानत राशि जब्त हो जाती है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों को 10 हजार रुपए की जमानत राशि देनी होती थी।
जबकि आरक्षण के तहत आने वाले प्रत्याशियों के लिए यही राशि 5 हजार रुपए थी। सभी निर्वाचन क्षेत्रों में महायुति और महाविकास अघाड़ी की लड़ाई के कारण पहले दो उम्मीदवारों को छोड़कर सभी की जमानत राशि जब्त कर ली गई।
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मुंबई के 36 निर्वाचन क्षेत्रों में से जोगेश्वरी पूर्व में उम्मीदवारों की संख्या सबसे अधिक थी। इस निर्वाचन क्षेत्र में 22 उम्मीदवार थे। इनमें शिवसेना (यूबीटी) अनंत नर विजयी घोषित हुए थे। शिवसेना (शिंदे गुट) की मनीषा वायकर दूसरे स्थान पर रही। इन दोनों उम्मीदवारों को छोड़कर सभी 20 उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हो गई।
तीन प्रत्याशियों के कारण पहले दो प्रत्याशियों को छोड़कर सभी निर्वाचन क्षेत्रों में सभी की जमानत राशि जब्त हो जाएगी, लेकिन तीन निर्वाचन क्षेत्रों में तीन प्रत्याशी भारी मतों से चुनाव जीत गए। इसमें माहिम, मानखुर्द, अणुशक्ति नगर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। मानखुर्द में नवाब मलिक की जमानत राशि भी जब्त कर ली गई है।
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