दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को लागू करने से पहले ही कदम पीछे खींच लिए हैं। सरकार ने पुरानी शराब नीति को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है, जिससे नई नीति अब 1 अप्रैल 2026 से ही लागू हो पाएगी। यह फैसला नई नीति को अंतिम रूप देने में लगने वाले समय को देखते हुए लिया गया है। इससे पहले सरकार ने दावा किया था कि 30 जून तक नई नीति लागू कर दी जाएगी, लेकिन अचानक बदलाव ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
वर्तमान में दिल्ली में 792 शराब की दुकानें चार सरकारी निगमों द्वारा संचालित की जा रही हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस फैसले से राजस्व पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम राजनीतिक सावधानी के तहत उठाया गया है, ताकि विपक्ष को आरोप लगाने का मौका न मिल सके।
क्यों टली नई शराब नीति
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नई आबकारी नीति को अंतिम रूप देने के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति को अभी और समय चाहिए। चूंकि मौजूदा नीति की अवधि 30 जून को समाप्त हो रही थी, इसलिए पुरानी व्यवस्था को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया। इसके तहत चार सरकारी निगम दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम, दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर, दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम और दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम शराब की बिक्री जारी रखेंगे।
लाइसेंस नवीनीकरण के नए नियम
सरकार ने लाइसेंस नवीनीकरण के लिए नए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। अगर लाइसेंसधारक 30 दिनों के भीतर शुल्क जमा करते हैं, तो उन्हें केवल मूल लाइसेंस शुल्क देना होगा। 30-60 दिन के भीतर भुगतान करने पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगेगा, जबकि 60 दिन के बाद भुगतान करने वालों को 100% अधिक शुल्क देना होगा। यह कदम समय पर नवीनीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है।
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सूत्रों के मुताबिक, सरकार पिछली आप सरकार की तरह आबकारी नीति को लेकर विवाद में नहीं पड़ना चाहती, इसलिए सतर्कता बरत रही है। फिलहाल, दिल्ली में शराब व्यवसाय पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में चलता रहेगा।