Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

अफजल गुरु की कब्र रंगने से कौन से अधिकार का हनन? HC ने याचिकाकर्ता से पूछा, अपील को किया खारिज

Delhi High Court ने मोहम्मद अफजल गुरु और मोहम्मद मकबूल भट्ट की तिहाड़ जेल परिसर से कब्रें हटाने की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिकार्ता से पूछा है कि, किस कानून का उल्लंघन हुआ है।

  • By पूजा सिंह
Updated On: Sep 24, 2025 | 06:44 PM

दिल्ली हाईकोर्ट (सौजन्य सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

Delhi High Court’s Verdict: दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में संसद हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट्ट की तिहाड़ जेल परिसर से कब्रें हटाने की याचिका को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि दफनाने का कार्य 2013 में हुआ था और आप इस बात को अब 2025 में इसे उठा रहे है।  12 साल से वहां कब्र है।

अदालत ने स्पष्ट किया कि यह मामला अत्यंत संवेदनशील है और इसे सरकार ने फांसी के समय सोच-समझकर लिया था। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों को एक दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद दोबारा नहीं खोला जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह का निर्णय केवल सक्षम प्राधिकारी ही ले सकता है। जब तक कोई कानून जेल परिसर में दफन या अंतिम संस्कार को रोकता नहीं है, तब तक अदालत का हस्तक्षेप उचित नहीं है।

‘किसी के अंतिम संस्कार का सम्मान करना चाहिए’

पीठ ने स्पष्ट किया कि किसी के अंतिम संस्कार का सम्मान किया जाना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इस मुद्दे से कोई कानून-व्यवस्था की समस्या न पैदा हो। सरकार ने इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए जेल में दफनाने का निर्णय लिया था। इस निर्णय का उद्देश्य समाज में शांति बनाए रखना है। इस मामले में, अदालत ने यह भी पूछा कि क्या हम 12 साल बाद इसे चुनौती दे सकते हैं। याचिकाकर्ता संस्था, विश्व वैदिक सनातन संघ के अधिवक्ता ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी। अदालत ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए याचिका को वापस लेने के आधार पर खारिज कर दिया।

ये भी पढ़ें : 85 साल बाद बिहार की आई याद? CWC की बैठक पर भड़के रविशंकर प्रसाद, बोले-‘बिहार प्रेम’ मिलावटी

कब्रों को गुप्त स्थान पर स्थानांतरित करने की अपील

अदालत ने कहा कि यह ध्यान देने योग्य है कि दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी और उन्हें जेल परिसर में फांसी दी गई थी। याचिका में यह भी कहा गया कि इनकी कब्रों को गुप्त स्थान पर स्थानांतरित किया जाए ताकि आतंकवाद का महिमामंडन और जेल परिसर का दुरुपयोग रोका जा सके। विश्व वैदिक सनातन संघ ने यह दावा किया है कि जेल के अंदर इन कब्रों का निर्माण और उनका निरंतर अस्तित्व अवैध, असंवैधानिक और जनहित के विरुद्ध है।

Delhi high court dismissed the petition seeking the removal of the graves of mohammad afzal guru and mohammad maqbool bhat from tihar jail

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Sep 24, 2025 | 06:40 PM

Topics:  

  • Delhi
  • Delhi High Court

सम्बंधित ख़बरें

1

सर्दी नहीं दिल्ली वालों पर कहर बरपा रहा है वायु प्रदूषण, मेंटल हेल्थ को सही रखने के लिए अपनाएं टिप्स

2

कितने हिडमा मारोगे हर घर से…दिल्ली में नक्सली को लाल सलाम, वायरल VIDEO पर मचा बवाल

3

इंडिया गेट पर प्रदूषण का अनोखा विरोध, लगे नक्सली कमांडर हिडमा के नारे; पुलिस पर हमला, 15 हिरासत में

4

वो खिलाड़ी जिसे गंभीर ने पहचाना, भारत के लिए अंतिम ओवर मेडन फेंककर बनाई अलग पहचान; ऐसी है उनकी कहानी

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.