फाइल फोटो- मृतक लौटा घर
Gurugram News: हरियाणा के गुरुग्राम में लापता 47 वर्षीय श्रमिक ठेकेदार के परिवार ने ‘गलती से’ सिरकटी लाश की पहचान ठेकेदार के रूप में की और उसका अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन अगले ही दिन वह घर लौट आया। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि शव के डीएनए नमूने सुरक्षित रख लिए गए हैं और इनका इस्तेमाल उस व्यक्ति की पहचान के लिए किया जाएगा, जिसका अंतिम संस्कार परिवार ने किया था।
इस सिलसिले में गुरुग्राम के सेक्टर-37 थाने में हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार पूजन प्रसाद नामक श्रमिक ठेकेदार अपनी पत्नी और तीन बेटों के साथ यहां मोहम्मदपुर झाड़सा गांव में रहता है। पूजन एक सप्ताह तक घर नहीं लौटा, जिसके बाद उसके बेटे संदीप कुमार ने एक सितंबर को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस के एक वरिष्ठ जांच अधिकारी ने बताया कि यह भ्रम 28 अगस्त को शुरू हुआ जब पुलिस ने सेक्टर-37 थाना क्षेत्र में एक खाली पड़े गोदाम के पास एक सिर कटी लाश बरामद की। उन्होंने बताया कि जब संदीप ने अपने लापता पिता के बारे में पुलिस से संपर्क किया, तो पुलिस ने उसे बरामद किए गए शव के बारे में बताया। संदीप और परिवार के अन्य सदस्य शवगृह पहुंचे, जहां संदीप ने दाहिने पैर पर चोट के निशान से शव की पहचान की।
अधिकारी ने बताया, ‘‘मृतक ने पूजन जैसी कमीज और पतलून पहन रखी थी और संदीप ने पुलिस को बताया कि यह उसके पिता का शव है तथा उसने अपने परिवार को भी इसकी सूचना दी। उनके परिवार को यकीन हो गया था कि पूजन की मौत हो चुकी है और शव की पहचान के बाद मंगलवार को पटौदी रोड स्थित राम बाग श्मशान घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। पूजन के बेटों ने शव का अंतिम संस्कार किया। हालांकि बुधवार को जब पूजन के बेटे यमुना में अस्थियां विसर्जित करने जा रहे थे, तो उन्हें उनके मामा राहुल प्रसाद का फोन आया कि उन्होंने पूजन को खांडसा चौक पर देखा है।
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राहुल पूजन को ऑटो में अपने घर ले गया और घरवालों को इसकी खबर दी। जब संदीप और उसका बड़ा भाई अमन लौटे, तो उन्होंने अपने पिता को घर पर बैठे पाया। पूजन के अचानक घर आने से न केवल उसका परिवार हतप्रभ रह गया, बल्कि जांचकर्ताओं के सामने भी उस व्यक्ति की पहचान को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया, जिसका अंतिम संस्कार किया गया था।