छत्तीसगढ़ में आज 190 माओवादी डालेंगे हथियार (फोटो- सोशल मीडिया)
Chhattisgarh Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ में माओवाद की कमर तोड़ने की दिशा में सुरक्षाबलों को एक ऐतिहासिक सफलता हाथ लगी है। शुक्रवार को जगदलपुर में 190 माओवादियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। यह राज्य में अब तक के सबसे बड़े आत्मसमर्पणों में से एक है, जो दशकों से चली आ रही हिंसा के अंत की एक नई सुबह का संकेत दे रहा है। इस बड़े घटनाक्रम से बस्तर के शांतिप्रिय भविष्य की उम्मीदें और भी मजबूत हो गई हैं।
अबूझमाड़ के घने जंगलों में सक्रिय माड़ डिवीजन के 140 माओवादियों का एक बड़ा समूह गुरुवार को ही समर्पण के लिए निकल पड़ा था। इस दल का नेतृत्व संगठन के प्रवक्ता रूपेश और डिवीजन सचिव रणिता कर रहे हैं। भारी सुरक्षा के बीच इस दल को इंद्रावती नदी पार कराकर भैरमगढ़ क्षेत्र से जगदलपुर लाया गया। इनके साथ ही कांकेर में पहले समर्पण कर चुके भास्कर और राजू सलाम के नेतृत्व में 50 अन्य माओवादी भी आत्मसमर्पण के लिए जगदलपुर पहुंचे, जिससे यह आंकड़ा 190 तक पहुंच गया।
समर्पण करने वाले माओवादियों में कई बड़े कैडर भी शामिल हैं, जिनमें दो जोनल कमेटी सदस्य, 15 डिविजनल कमेटी सदस्य और 121 एरिया कमेटी व जनमिलिशिया कैडर हैं। इन सभी ने अपने हथियार भी डाल दिए हैं, जिनमें एके-47 जैसे 71 घातक हथियार शामिल हैं। यह आत्मसमर्पण माड़ डिवीजन की सचिव रणिता की उस घोषणा के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 100 से अधिक माओवादी 15 अक्टूबर तक समर्पण करेंगे। यह सरकार की नीतियों और सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव का सीधा परिणाम माना जा रहा है।
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यह आत्मसमर्पण उस बड़ी कार्रवाई का हिस्सा है जो हाल के दिनों में माओवादियों के खिलाफ की गई है। कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में छह करोड़ के इनामी माओवादी भूपति ने 60 साथियों के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने आत्मसमर्पण किया था। छत्तीसगढ़ में जनवरी 2024 में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक 2100 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 1785 को गिरफ्तार किया गया है और 477 मुठभेड़ों में मारे गए हैं। अबूझमाड़ में बसव राजू सहित 89 माओवादियों का मारा जाना और 200 से अधिक का समर्पण एक बड़ी सफलता है।