IPS Officer (सांकेतिक तस्वीर)
नवभारत डेस्क: आजकल युवाओं के बीच IPS अधिकारी बनने का सपना बहुत ही आम है। UPSC परीक्षा पास करके भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल होना न सिर्फ सम्मानजनक है, बल्कि यह समाज के लिए कुछ अच्छा करने का एक बड़ा मौका भी है। IPS में कई महत्वपूर्ण पद होते हैं, जिनमें SP (पुलिस अधीक्षक) और CP (पुलिस आयुक्त) प्रमुख हैं। ये दोनों ही पद पुलिस प्रशासन के अहम हिस्से हैं, लेकिन इनकी जिम्मेदारियां, ताकत और सैलरी में काफी अंतर है। आइए, जानते हैं कि SP और CP में क्या फर्क है।
SP यानी पुलिस अधीक्षक किसी जिले का प्रमुख होता है और उस जिले की पुलिस फोर्स को संचालित करता है।
CP यानी पुलिस आयुक्त का काम मुख्य रूप से बड़े शहरों और महानगरों की पुलिस व्यवस्था को संभालना होता है।
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बता दें कि SP और CP दोनों ही पद पुलिस प्रशासन में बहुत अहम होते हैं। जहां SP अपने जिले की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था का ध्यान रखता है, वहीं CP बड़े शहरों और पुलिस रेंज की देखरेख करता है। दोनों का उद्देश्य समाज में अपराध को कम करना और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अगर आप भी IPS अधिकारी बनना चाहते हैं, तो यह आपके लिए प्रेरणा हो सकती है।